Browsing Category
Editorial
आचार्य विद्यासागरजी अध्यात्म के साथ ही साहित्य में भी समाभ्यस्त थे।
"मूकमाटी" कृति आचार्य विद्यासागरजी के अंतर्जगत में प्रवेश की कुंजी है!
आचार्य विद्यासागरजी ने सल्लेखना की रीति से अन्न-जल का त्याग कर महासमाधि ली थी। उससे पूर्व आचार्य-पद और वाणी का भी…
पंडिताई करने वालों को गरियाने का मौसम
समझ नहीं पाता कि पंडितों से चिढ़ने वाले लोग , पंडितों के चक्कर में पड़ते क्यों हैं?
आचार्य के अवदान से गुलज़ार ज्ञानपीठ
1976 में सात स्वर्ण पदकों और कुलाधिपति स्वर्ण पदक के साथ रामभद्राचार्य जी ने आचार्य की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
रामभद्राचार्य भी संस्कृत के बड़े रचनाकार हैं। कवि हैं। अनेक महाकाव्य , खंड…
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी हुए ब्रह्मलीन
जैन समाज के प्राण दाता राष्ट्रहित चिंतक परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी।
त्रिवेणी के विलाप का यह विन्यास
Positive India: Dayanand Pandey:
कल हम भी प्रयाग हो आए। गए थे एक पारिवारिक काम से। पर थोड़ा समय मिला तो कुंभ नगरी भी गए। जा कर कुंभ का जायज़ा भी लिया। गए थे संगम नहाने, गंगा नहा कर लौटे।…
संसार का सबसे पीड़ित जीव!
मुर्गी फर्म में डालने के पहले इन चूजों की चोंच काट दी जाती है। जानते हैं क्यों?
गूँगे जानवर भूख-प्यास, तकलीफ़ के पलों में आँखों से सम्प्रेषित करने का क्यों जतन करते…
हर दिन मनुष्य-जाति का पेट बड़ा होता जा रहा है, उसके लालच की भूख बढ़ती जा रही है, और इसकी भरपाई उन जानवरों से की जा रही है, जो सबसे मासूम थे, सबसे भले, सबसे नेक और इसीलिए- सबसे आसान शिकार!
राजनारायण और राहुल गांधी में क्या फर्क है?
राजनारायण और राहुल गांधी में एक बड़ा फ़र्क़ है। राजनारायण लोगों को प्रत्यक्ष रूप से हंसाते थे। राहुल गांधी अमूमन अप्रत्यक्ष रूप से हंसाते रहते हैं। राजनारायण समझ जाते थे कि लोग क्यों हंस रहे…
अहलान मोदी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-UAE दोस्ती ज़िंदाबाद का नारा क्यों…
Positive India:New Delhi:
आज अबू धाबी में आप लोगों ने नया इतिहास रच दिया है। आप लोग UAE के कोने-कोने से आए हैं और भारत के भी अलग-अलग राज्यों से आए हैं, लेकिन सब के दिल जुड़े हुए हैं। इस…
किसानों के वेश मे दिल्ली पर टूलकिटिया गैंग आक्रमण करने की प्रयोजित तैयारी मे हैं
अब बात पुलिस की नहीं, हिन्दू समाज बनाम गद्दारों की है।
हमें संकट के ऐन समय पर पुलिस बचाने नहीं आएगी, इतना तो हल्द्वानी मे एक बार फिर से सुनिश्चित हो गया है