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Editorial
बिहार में आजकल धड़ाधड़ पुल क्यों गिर रहे हैं?
Positive India: Sarvesh Kumar Tiwari:
हमारे बिहार में आजकल धड़ाधड़ पुल गिर रहे हैं। यूट्यूब वाले पत्रकार एक पुल के गिरने पर वीडियो बनाते हैं तबतक दूसरा गिर जाता है। वे दूसरे तक पहुँचते हैं…
क्या भाजपा का थिंक टैंक पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुका है?
भारतीय संविधान की जो छीछालेदर कांग्रेस ने ४२वें संशोधन में की थी उसका असर आज तक संविधान के ऊपर से गया नहीं है मगर फिर भी २०२४ में कांग्रेस ने संविधान बचाने को मुद्दा बना कर भाजपा के सर पर…
कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र को नाक रगड़ने को क्यों विवश किया गया?
एक लोकप्रिय कथावाचक को इतना अपमानित किया गया? कहीं इसके पीछे वर्चस्व की राजनीति तो नहीं? संत-समाज कथावाचकों-प्रवचनकारों को नीची दृष्टि से देखता रहा है। किन्तु लाडली-जू पर कही गई कुछ बातों-…
राहुल गांधी ने क्यों कहा कि जो लोग ख़ुद को हिन्दू कहते हैं, वो हिंसा और नफ़रत फैला…
राहुल ने ये भी कहा कि "आप हिन्दू हो ही नहीं..."- अब राहुल गांधी देश को यह भी बताएँगे कि कौन हिन्दू है और कौन नहीं? और उनकी दृष्टि में हिन्दू होने की परिभाषा क्या है?
नया अध्यक्ष कौन ? भूपेश बघेल?
भूपेश बघेल ने विपक्ष में रहते हुए अपने नेतृत्व से कांग्रेस संगठन को मजबूती दी लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद न केवल उनमें वरन छुटभैये नेताओं के भी आचरण में सत्ता के अहंकार का जो विष फैला उससे…
अराजक महावत किसी हाथी को जब मिल जाता है
हर महीने 8500 रुपए की लालच दिखा कर झंडा ऊंचा करने वाला विपक्ष नहीं जानता कि कोई अराजक महावत किसी हाथी को जब मिल जाता है तब हाथी बिना चूके महावत का काम तमाम कर देता है , क्षण भर में। आह भी…
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के इमरजेंसी के निंदा प्रस्ताव पर समूची कांग्रेस गुंडई पर…
बीते दस साल में जिस अघोषित आपातकाल का ज़िक्र आप कर रहे हैं , उस में धूमिल और दुष्यंत सा कोई कवि या उस की कविता प्रतिरोध में सामने आई हो। परसाई सा कोई गद्य भी आया हो। क्यों नहीं आया ?
क्रांतिकारी जयप्रकाश नारायण (जेपी) और प्रभावती
मगर कुछ लोग जन्मजात क्रांतिकारी ही होते हैं रचनात्मक काम में मन नहीं रमता। जेपी फिर लौटे सन चौहत्तर में । इस बार सम्पूर्ण क्रांति लेकर । आगे जो हुआ वह इतिहास है।
तुग़लक , मौलवी और सेक्यूलरिज्म
सेक्यूलरिज्म के नशे में चूर , राम के अस्तित्व को जो लोग अदालत में हलफनामा दे कर इंकार करते हैं , वही लोग रावण दहन भी करते हैं । जनेऊ पहन कर मंदिर-मंदिर घूमते हैं । भारत में सेक्यूलरिज्म के…
नसीरुद्दीन शाह के नाम पर सिनेमा हॉल पहुँचने वाले दर्शकों की संख्या भारत में…
दरअसल नसीरुद्दीन शाह के एनएसडी वाले चेलों ने नसीरुद्दीन की इतनी बड़ाई कर दी, कि उन्हें लगने लगा वे अभिनय के शहंशाह हैं।