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Editorial

ग़ज़वा और मुनाफ़िक़ के बारे में आपको जानना चाहिए

ग़ज़वा उन छोटी बड़ी जंगों को कहते हैं जिनमें पैग़ंबर ने ख़ुद हिस्सा लिया । मुनाफ़िक शब्द़ उन मुसलमानों के लिये इस्तेमाल होता है जो भय या प्रलोभन के कारण मुसलमान तो हो गये लेकिन दिल से अभी भी…

लगता है कश्मीर में फ़ारुख़ अब्दुल्ला ने संभल से प्रेरणा ली थी

संभल फाइल्स :कश्मीर फाइल्स जैसी शानदार फ़िल्म बनाने वाले विनोद अग्निहोत्री क्या संभल फाइल्स बनाने पर भी विचार कर सकते हैं ?

सम्भल में जो दिख रहा है वह किसी छोटे पराजय से हुए नुकसान की भरपाई है।

पलायन वाली घटना की फाइल बाबा फिर खोल रहे हैं। कुंए की खुदाई चल रही है। आगे देखते हैं कि समय क्या खेल दिखाता है।

साय सरकार का एक वर्ष: नक्सल मुद्दे पर बेहतर

यदि किसी मीडिया कर्मी को सीएम से मिलना हो तो इसके लिए उसे भारी मशक्कत करनी पड़ती है. अफसरों का ऐसा घेरा मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत से वंचित करता. है राजनीतिक दृष्टि से भी यह प्रवृति पार्टी…

भारतीय भ्रष्ट ज्यूडिशरी सिस्टम उस जज के समान है जो अतुल को बर्बाद कर बीवी के नाजायज…

हिंदुस्तान उनके बाप का नहीं था, न अब है। लेकिन आज भी मुस्लिम समाज की दादागिरी और धौंस देखिए, आधी भूमि हड़पकर भी बिल्कुल अतुल की बीवी जैसा आचरण है

अतुल सुभाष की आत्महत्या कानून के दायरे में होने वाली प्रताड़ना और अत्याचार का मुद्दा…

आदमी जब पीड़ित होता है तो कोर्ट की शरण में जाता है। जब कोर्ट ही अन्याय करने लगे, पीड़ा देने लगे तो कहाँ जाय?