Positive India:Suresh Mistry:6 Sept
कंगना राणावत की आप गलती बताइए….,?
एक प्रतिभाशाली कलाकार को, नशे के कुचक्र में एक विषकन्या के जाल में फांस कर बलि लेे लिया जाता है…और जब उसके लिए न्याय की मांग करती कोई आवाज़ उस फिलम इंडस्ट्री से कहीं दूर दूर तक सुनाई नहीं दे रही थी तब… मुंबई की यह वीरांगना मर्दानी अकेली पूरे समुन्द्र के मगरमच्छो के सामने खड़ी हो जाती है,…
बंबइया फिल्म इंडस्ट्री के शह पर फैले फूल नशे के कारोबार की पोल यह क्षतरानी बुलंद आवाज़ से करती है….
और… बंबई फिल्म उद्योग में फैले इस पूरे नशे और देश द्रोही तत्वों के काले साम्राज्य के संरक्षण में खुद पूरी महाराष्ट्र सरकार उतर आती है…!
पूरी पुलिस फोर्स की शाख दांव पर लगा दी जाती है….
और दो कौड़ी का संपादक गुंडा संजय राउत एक लड़की को धमकी देता है कि बंबई में ना आए…?
क्यों क्योंकि उसने महाराष्ट्र सरकार के तलवे चाट हत्या को आत्म हत्या बताने वाली महाराष्ट्र पुलिस की सुरक्षा लेने पर इनकार कर दिया….?
किसका साथ देंगे आप…. ?
सच और न्याय के लिए हिम्मत और साहस का गंगाजल लिए पूरी फिलम इंडस्ट्री को पवित्र करने निकली कंगना का…?
या हिंदुओ के वोट लेकर सत्ता के लालच में नैतिक ता खोकर कोंग्रेस के पिट्टू बन चुके उद्या के पति संजय राउत का….?
कंगना किस के लिए लड़ रही है…?
और पूरी महाराष्ट्र सरकार किसे बचा रही है…?
क्या तटस्थ बन कर तमाशाई बनना ही एकमात्र आपका मन पसंद चुनाव है…?
उठिए और जो आज न्याय की लड़ाई लड़ रहा है उसे मजबूत कीजिए…
नहीं तो कल वह अन्यायी, आपके बच्चो के सपने रौंद देगा….. जो आज छाती ठीक कर कह रहा है बंबई उसके बाप की बपौती है…
यह लड़ाई अकेली लड़की कंगना की नहीं है, यह उस समाज की है जिसे यह फिल्म नगरी के कुख्यात आका और राजनीति के संजय उद्या बस कुचलना जानते है….
साभार: सुरेश मिस्त्री-फेसबुक वाल(ये लेखक के अपने विचार हैं)