उपचुनाव के परिणामों का पेट्रोल की कीमत से कुछ लेनादेना क्यों नहीं?
-सतीश चन्द्र मिश्रा की कलम से-
Positive India:Satish Chandra Mishra:
प्रथम दृष्टया यह है मेरा आंकलन।
जिस हिमांचल में पेट्रोल 104-5 रुपये लीटर बिक रहा है।
वहां भाजपा सारी सीटें हार गयी। लेकिन जिस मध्यप्रदेश में पेट्रोल 115-17 रूपये लीटर बिक रहा है वहां भाजपा ने कांग्रेस को बुरी तरह रौंद कर जीत दर्ज कर ली।
अतः पहला आंकलन यह है कि उपचुनाव के परिणामों का पेट्रोल की कीमत से कोई लेनादेना नहीं। लोग केवल पेट्रोल नहीं पीते। उनकी जिंदगी की और भी बहुत सी जरूरतें होती हैं। उन जरूरतों का ख्याल कौन सी सरकार किस तरह रखती है। यह बहुत महत्वपूर्ण होता है। हिमांचल वाले मुख्यमंत्री भी यह समझ लें तो उनका और जनता का भी भला होगा।
मेरा एक और आंकलन यह है कि…असम में हेमंत बिस्व सरमा की एकतरफा प्रचंड विजय ने भी यह संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री योगी की ही शैली में ही सफेदपोश कट्टरपंथी जिहादियों से निपटना होगा।
पिछली पोस्ट पर बड़ी डिमांड थी उपचुनावों के परिणामों पर मेरी प्रतिक्रिया जानने की, विशेषकर पेट्रोल डीजल के दामों के संदर्भ में। प्रतिक्रिया जनता ने ही दे दी है। 29 में से 15 सीटें भाजपा जीती है। जो पिछली बार से ज्यादा है।
अन्य राजनीतिक पहलुओं पर विस्तृत टिप्पणी दीपावली पश्चात।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार है)