मोदी का पुतला जलाओ मगर देश नहीं: नरेंद्र मोदी
ममता दीदी सीधे कोलकाता से यूएन पहुंची
Positive India:New Delhi: नागरिकता कानून(CAA) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने विपक्षियों को जवाब देते हुए कहा, “मोदी का पुतला जला लो, मगर देश नहीं।” दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि नागरिकता कानून से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। भारत के मुसलमान भारत में सुरक्षित हैं और वे माँ भारती की संतान है। उन्होंने कहा, “जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान है, उनका एनआरसी,सीएए से कोई लेना देना नहीं है।”
प्रधानमंत्री मोदी(Modi) दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत करने के लिए, दिल्ली वासियों की तरफ से आयोजित धन्यवाद रैली में लाखों लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने साफ किया कि एक तरफ तो मुस्लिम देश अपने देश का सर्वोच्च सम्मान दे रहे हैं, उनके इस सम्मान ने भारत के विपक्षी पार्टियों में भय पैदा कर दिया है कि कहीं भारत के मुसलमान नरेंद्र मोदी के पक्ष में ना खड़े हो जाएं और उनकी लुटिया हमेशा के लिए न डूब जाए; इसीलिए तमाम विपक्षी पार्टियां एकत्र होकर मुसलमानों में भ्रम फैलाकर देश में अशांति फैलाना चाहती हैं तथा इस अशांति के पीछे यह राजनेता अपने खुद के भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं।
अगर कूटनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत ने जितना एक्स्पोज़ पाकिस्तान को दुनिया में किया है, अभी तक ऐसा कोई नहीं कर पाया है। नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने इस बात का आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों की स्वहित राजनीति की वजह से भारत ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव को सामने लाने का मौका गंवा दिया है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने नागरिकता कानून की आलोचना तो की, पर हिंसा को रोकने के लिए एक भी अपील नहीं की; यह उनका हिंसा को बढ़ावा देने के लिए मौन समर्थन है। मोदी ने यहां तक कह दिया कि गांधी के सरनेम का इस्तेमाल करने वाले महात्मा गांधी के सुझाव का विरोध कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस के कार्यों के समर्थन के लिए लोगों को खड़े होकर उनकी हौसला अफजाई की। उन्होंने आह्वान किया कि “मोदी को गाली दो, पुलिस को नहीं।” विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “जो लोग उनसे नफरत करते हैं वे उन्हें गाली दे ले, उनकी तस्वीरें जला ले, लेकिन पुलिसकर्मियों को, सार्वजनिक संपत्ति को, गरीबों की झोपड़ी को निशाना नहीं बनाए।”
प्रधानमंत्री मोदी में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दीदी तो सीधे कोलकाता से यूएन पहुंच गई। संसद में बांग्लादेश के हिंदू शरणार्थियों की मांग उठाने वाली ममता बनर्जी यूएन से एनआरसी(NRC) तथा नागरिकता कानून पर जनमत संग्रह करवाने की बात कर रही हैं।
वामपंथियों पर गहरी चोट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरी नक्सली(Urban naxals) झूठ फैलाकर बांटो और राज करो की नीति पर चल रहे हैं। मोदी ने लोगों से अपील की कि झूठी बातों में फंसने की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से कहा कि विपक्षी पार्टियों के टेप रिकॉर्डर को ना सुने बल्कि सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें।
भारत में हो रही प्रायोजित हिंसा की भर्त्सना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हाथ में पत्थर देख दुख हुआ, पर खुशी हुई कि कुछ हाथों में तिरंगा भी है यही बदलाव लाएंगे।