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बुकर पुरस्कार: निर्णायक मंडल ने तोड़ा नियम,

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पॉजिटिव इंडिया: लंदन,16 अक्टूबर(भाषा): बुकर पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने 1992 के बाद पहली बार नियमों को तोड़ते हुए इस साल प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए कनाडाई लेखिका मार्गरेट एटवुड और ब्रितानी लेखिका बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त विजेता घोषित किया।
एटवुड (79) यह पुरस्कार अपने नाम करने वाली सर्वाधिक उम्र की विजेता हैं। इन पुरस्कारों की शुरुआत 1969 में की गई थी। इस पुरस्कार के लिए छांटी गई छह पुस्तकों में ब्रितानी-भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी का उपन्यास ‘क्विचोटे’ भी शामिल था।
बुकर के नियमों के अनुसार इस पुरस्कार को बांटा नहीं जा सकता, लेकिन निर्णायक मंडल ने कहा कि वे एटवुड की ‘द टेस्टामेंट’ और एवरिस्टो की ‘गर्ल, वुमैन, अदर’ में से किसी एक को नहीं चुन सकते।
इससे पहले 1992 में दो लोगों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया था। आयोजकों ने इस साल के निर्णायक मंडल से कहा था कि वे दो विजेताओं को नहीं चुन सकते।
पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल के अध्यक्ष पीटर फ्लोरेंस ने पांच घंटे के विचार विमर्श के बाद कहा, ‘‘हमारा निर्णय है कि नियमों को तोड़ा जाएगा।’’
निर्णायक मंडल ने कहा कि वे चाहते हैं कि दोनों लेखिकाएं यहां गिल्डहॉल में एक बड़े कार्यक्रम में 50,000 पाउंड की राशि आपस में बांटे।
फ्लोरेंस ने कहा, ‘‘हमने उनके बारे में जितनी चर्चा की, हमें उतना ही ज्यादा यह महसूस हुआ कि हम दोनों को इतना पसंद करते हैं कि दोनों ही विजेता बनें।’’
79 वर्षीय कनाडाई लेखिका एटवुड ने एवरिस्टो के साथ यह पुरस्कार साझा करने पर खुशी जताते हुए मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं काफी बुजुर्ग हो गई हूं और मुझे लोगों के इतने ध्यान की आवश्यकता नहीं है, इसलिए मुझे खुशी है कि आपको भी पुरस्कार मिला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं अकेले यह पुरस्कार जीतती… तो मुझे थोड़ा संकोच होता। इसलिए मैं खुश हूं कि आपको (एवरिस्टो) भी यह पुरस्कार मिला है।’’
एवरिस्टो ने कहा, ‘‘हम ब्लैक ब्रितानी महिलाएं जानती हैं कि यदि हम अपने बारे में नहीं लिखेंगी तो कोई और भी यह काम नहीं करेगा।’’ एवरिस्टो ने कहा, ‘‘यह अविश्वसनीय है कि मुझे मार्गरेट एटवुड के साथ यह पुरस्कार मिला, जो महान और उदार हैं।’’
इनके अलावा लुसी एलमन को ‘डक्स, न्यूबरीपोर्ट’ चिगोजी ओबिओमा को ‘एन ऑर्केस्ट्रा ऑफ मायनोरिटीज’ और एलिफ शफक को ‘10 मिनट्स 38 सेकंड्स इन दिस स्ट्रेंज वर्ल्ड’ के लिए शार्टलिस्ट किया गया था।
एटवुड का उपन्यास ‘द हैंडमेड्स टेल’ भी 1986 में इस पुरस्कार के लिए छांटा गया था लेकिन तब वह यह पुरस्कार जीत नहीं पाई थीं।
इस साल 151 किताबों में से इन छह उपन्यासों को छांटा गया था। अंतिम छह में जगह बनाने वाले इन लेखकों को भी 2500-2500 पाउंड राशि पुरस्कार मिलेगी।
रुश्दी ने ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए 1981 में यह पुरस्कार अपने नाम किया था। मुंबई में जन्मे रुश्दी की पुस्तक पांच बार इस पुरस्कार के लिए छांटी गई है।
पिछले साल एना बर्न्स को ‘मिल्कमैन’ के लिए यह पुरस्कार मिला था।

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