Positive India:प्रयागराज:विनीत दुबे:
मोदी सरकार का बजट-2020 भविष्य की उम्मीदों का दूरदर्शी बजट है।
भारत के सबसे लंबे बजट भाषण में लुभावने वादों के बजाय वर्तमान जमीनी हकीकत को लेते हुए भविष्य का आधार तय करने की कोशिश की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तथा मौजूदा मंदी से निपटने और भविष्य के लक्ष्यों को हासिल करने का जज्बा दिखाते हुए आम बजट पेश किया। मोटे तौर पर यह बजट भले ही निराशाजनक हो,लेकिन बुनियादी स्तर पर इस बजट में आर्थिक ढांचे को मजबूत करने के बारे में सोचा गया है। करों के जाल में फंसे करदाताओं को राहत देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। करदाताओं की शिकायतें और अन्य विवाद जल्द निस्तारित करने के लिए ‘करदाता चार्टर’ के रूप में अधिकारियों को नियुक्त करने की बात कही गई है। उदाहरण के लिए यदि टैक्स जमा करते हुए कोई भूल हो जाए तो पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था या कोई ऐसा अधिकारी तय नहीं था,जो इन मामलों को एक निश्चित समय सीमा में निस्तारित कर सके,ऐसे में आयकरदाताओं का लंबे समय तक उत्पीड़न हो जाता था,लेकिन अब इस घोषणा से निस्तारण की समयावधि निश्चित कर दी जाएगी।
इसी प्रकार बैंक में जमा राशियों की सुरक्षा और खाताधारकों के हित को ध्यान में रखते हुए जमा राशि की बीमा गारंटी बढ़ा दी गई है यानी बैंक फेल होने पर ग्राहक को बीमा गारंटी राशि के रूप में 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी। पहले यह राशि केवल ₹1 लाख थी।
घरेलू उद्योगों को गति देने के लिए ₹27 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। छोटे और मझोले उद्योगों को विदेशी बाजार में उतारने के लिए एमएसएमई सेक्टर के लिए सबोर्डिनेट कर्ज की एक नई स्कीम शुरू की गई है ,जिससे घरेलू उत्पादों और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि प्रधान देश में बजट-2020 में कृषि के लिए भी कई नई योजनाओं का शुभारंभ किया गया। किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने और आम आदमी को खाद्य वस्तुओं की सहज उपलब्धता के लिए सरकार ने ‘किसान रेल’ और ‘कृषि उड़ान’ नाम की दो योजनाओं की घोषणा की है ,इससे कृषि बाजार का विस्तार होने के साथ ही मूल्य-संतुलन कायम रहेगा। फलों ,सब्जियों व दूध जैसे जल्द खराब होने वाले उत्पादों की बिक्री एवं उपलब्धता की समस्या खत्म होगी।
बजट-2020 में पीपीपी मॉडल से ब्लॉक स्तर पर माल- गोदाम का निर्माण होगा, जिससे भंडारण की व्यवस्था सुधरेगी ,साथ ही मछुआरों की सुरक्षा समृद्धि और भविष्य को लेकर भी सरकार ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को मत्स्य प्रसंस्करण के जरिए लाभ देने के बारे में सोचा है ,इससे 32 लाख से अधिक युवाओं को सीधे रोजगार मिलेगा। रोजगार की समस्या को दूर करने के लिए ‘नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी’ का निर्माण भी किया जाएगा ,इसके जरिए सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अराजपत्रित कर्मचारियों की नियुक्ति में बड़े सुधार होंगे ,साथ ही विदेश में भी युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए कई ऐसे नए ब्रिज कोर्स तैयार किए जाएंगे ,जिसमें युवाओं को कौशल के साथ-साथ संबंधित देश की भाषा सिखाई जाएगी।
किसी भी देश की पहचान वहां की परिवहन व्यवस्था होती है,अतः देश की ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए बजट-2020 में 1.70 लाख करोंड़ का आवंटन किया गया है।
इसके साथ ही देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रक्षा बजट में 5.83 फ़ीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 3.37 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है ,जिसमें से 1.13 लाख करोड़ रुपए का इस्तेमाल नए हथियार, वायुयान ,युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा ।
इसके साथ ही नारी सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही सुरक्षित मातृत्व के लिए लड़कियों की शादी की उम्र को भी बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों के लिए ₹28 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 6 लाख से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे। गरीबों को घर के पास मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा । कुल मिला-जुला कर कहा जा सकता है कि बजट-2020 भविष्य की उम्मीदों का दूरदर्शी बजट है।