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ब्रेकिंग:एनएच एमएमआई ने बटन डिवाइस की मदद से हृदय की वाल में छेद को सफलतापूर्वक किया बंद

फ्री हार्ट वाल रपचर टाइमबम की तरह है।

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Positive India:Raipur:
एक 59 वर्षीय व्यक्ति को मधुमेह और उच्च रक्तचाप था और उसे कुछ दिनों पहले एक बड़ा दिल का दौरा पड़ा। डॉ. सुमंत शेखर पाढ़ी द्वारा मूल्यांकन के बाद, यह पाया गया कि हृदय की एक दीवार बहुत पतली हो गई थी और उसमें एक छेद हो गया था।

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फ्री हार्ट वाल रपचर(Free Heart Wall Rupture) एक दुर्लभ और खतरनाक स्थिति है जहां हृदय की एक वाल खराब हो जाती है। उक्त रोगी के मामले में, उसके हृदय की एक दीवार अत्यंत पतली हो गई थी, और बीच में एक छेद बन गया था। दीवार से खून आगे-पीछे हो रहा था और दिल के बाहर एक जेब बन गई थी। वाल की मोटाई लगभग 2 एमएम थी, जो आदर्श रूप से 5-9 एमएम के बीच होनी चाहिए।

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रोगी को बाईपास के साथ-साथ शीघ्र शल्य (सर्जरी) चिकित्सा की तत्काल आवश्यकता थी, लेकिन रिश्तेदार इसकी उच्च जोखिम वाली प्रकृति को देखते हुए सर्जरी के पक्ष में नहीं थे। डॉ. सुमंत शेखर पाढी (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी, एनएच एमएमआई नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर) ने एक तुलनात्मक रूप से कम जोखिम भरा लेकिन तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण समाधान बताया और बटन डिवाइस क्लोजर ऑफ होल करने का निश्चय किया।
4डी और 2डी ट्रान्सथोरेसिक इको के निगरानी में, एनएच एमएमआई नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, लालपुर, रायपुर के कार्डियोलॉजिस्ट की टीम द्वारा कैथ लैब में एडीओ II डिवाइस के साथ हृदय के इस छेद को बंद कर दिया गया था। टीम में डॉ सुमंत शेखर पढ़ी (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट) और डॉ किंजल बख्शी (सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट) शामिल थे। डॉ. अरुण अदनडापन (सलाहकार कार्डिएक एनेस्थीसिया) ने प्रक्रिया के दौरान एनेस्थीसिया और इकोकार्डियोग्राफी में मदद की।
सर्जरी सफल रही और 4-8 सप्ताह के बाद बायपास सर्जरी की सलाह के साथ मरीज को दो दिनों के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डॉ. सुमंत शेखर पाढ़ी (सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी, एनएच एमएमआई नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर) मरीज की स्थिति के बारे में यह कहकर बताते हैं, “हम कह सकते हैं कि मरीज की जटिलता टाइमबॉम्ब की तरह थी। मरीज की मौत हो सकती थी अगर थोड़ी और देर हो जाती। हमने बटन डिवाइस क्लोजर के संतोषजनक परिणाम को मद्देनज़र रखते हुए हमने यह चुनौती लेने का फैसला किया।”

नवीन शर्मा ( फैसिलिटी डायरेक्टर-एनएच एमएमआई) ने कार्डियोलॉजी टीम की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, “मैं गर्व से कह सकता हूं कि कार्डियोलॉजि की हमारी टीम में राज्य के सर्वश्रेष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट शामिल है।”

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