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नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में आयोजित हुई संगोष्ठी

इस मिट्टी पर जितना हमारा उतना ही भारत के मुसलमानों का अधिकार-बृजमोहन

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Positive India:Raipur:नागरिकता संसोधन अधिनियम के पक्ष में आयोजित संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रहित को ताक में रखकर कांग्रेस राजनीति करती है। उनमें सत्ता की भूख ऐसी है कि देश को आग में झोंकने में भी संकोच नहीं करते।

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आज पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान,बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर सताये गए हिंदू, बौद्ध, सिक्ख,ईसाई, जैन,पारसी धर्म के अनुयायियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए बने नागरिकता संशोधन कानून पर वे ऐसी ही भूमिका अदा कर रहे है।

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जबकि लोकतंत्र के मंदिर राज्यसभा और लोकसभा दोनों जगहों से पास होकर यह अधिनियम बना है। उसे लेकर वे योजनाबद्ध ढंग से यह अफवाह उड़ा रहे हैं कि यह कानून मुसलमानों को देश से बाहर कर देगा। सच्चाई से परे कांग्रेस की इस बात को मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग बिना जांचे परखे इसे सच मान रहा है।

कांग्रेसी यह जान ले कि उनकी यह भड़काऊ राजनीति ज्यादा समय तक नहीं चलने वाली। उनके अफवाहों की पोल अब खुलने लगी है। लोग धीरे-धीरे उनसे किनारा करने लगे हैं। उन्होंने यह बात मध्य प्रदेश के जिला मुख्यालय राजगढ़ में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के समर्थन में आयोजित जिला स्तरीय प्रबुद्धजन संगोष्ठी में कहीं।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन द्वारा CAA पर जनजागृति लाने और भ्रांतियां दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक कार्यक्रम बनाया गया है। केंद्रीय मंत्रियों- भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को देश के विभिन्न शहरों में प्रबुद्धजनों के साथ बैठक करने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसी तारतम्य में बृजमोहन अग्रवाल आज राजगढ़ पहुंचे थे। जहां प्रबुद्धजनों के समक्ष उन्होंने CAA के संबंध में मोदी सरकार का पक्ष रखा।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहां कि 1947 में भारत देश से विभाजित होकर पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना। इस दौरान पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की आबादी 23% थी। पाकिस्तान का निर्माण धर्म के आधार पर हुआ इसलिए वहां पर अल्पसंख्यक को पर कट्टरपंथियों ने अत्याचार करना प्रारंभ कर दिया था। पाकिस्तान से फिर बांग्लादेश बना वह भी मुस्लिम राष्ट्र है। यहां भी अल्पसंख्यकों के ऊपर कट्टरपंथियों के अत्याचार होता रहा जो आज भी जारी है। विभाजन के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी यह मानते थे कि भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा परंतु पाकिस्तान को लेकर उन्हें संदेह था। इसी संदेह के चलते अपने दौर में उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपील की थी। नेहरू-लियाकत समझौता इस बात का प्रमाण है। अब जब केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस के उन महापुरुषों की इच्छा को पूरा करने पाकिस्तान, बांग्लादेश,अफगानिस्तान मे धर्म के आधार पर सताए गए लोगों को भारत की नागरिकता दे रही है इसमें लोगों की आपत्ति समझ से परे है। बृजमोहन ने कहा कि इस कानून के तहत दिसंबर 2014 तक जो अल्पसंख्यक हिन्दू,सिक्ख,जैन, बौद्ध,पारसी भारत आ गए हैं उन्हें ही नागरिकता प्रदान की जाएगी।
पाकिस्तान से जब बांग्लादेश अलग हुआ उस वक्त भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लाखों बांग्लादेशियों को भारत में शरण दिया था। नागरिकता संशोधन कानून का 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह ने भी समर्थन किया था। बावजूद कांग्रेस का विरोध आश्चर्यजनक व पूर्णता राजनीति से प्रेरित है। इन विरोध को देखकर कोई भी समझ सकता है कि कांग्रेस सिर्फ वोट की राजनीति करती है और भारतीय जनता पार्टी देशहित के लिए।
इस अवसर पर सांसद रोडमल नागर, विधायक राज्यवर्धन सिंह, पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा,किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरिचरण तिवारी, नरेंद्र सिंह पवार,अमर यादव, बद्री यादव, हजारीलाल, मोहन शर्मा,ज्ञान सिंह गुर्जर,गोपाल खत्री सहित सैकड़ों की संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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