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राजनीति की कड़वी सच्चाई– मैं ये क्यो नही हुआ?

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Positive India:मै ये क्यो नही हुआ के राजनीति के कड़वी सच्चाई की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता हू । आज दुर्भाग्य है कि हम लोकतंत्र के नाम से इसी के इर्द-गिर्द घूम रहे है । फिर ये जेहन मे आता है कि मै ये क्यो नही हुआ । पर हम इसी तरह के राजनीति के शिकार जाने अनजाने मे हो रहे है । पूरी राजनीति इसी के लाभ हानि को ध्यान मे रखकर ही चल रही है । पूरी पार्टीया इसी को ध्यान मे रखकर ही अपना प्लान करती है । आज मैं अपने पाठको को इस राजनीति से सजग करना चाहता हू । मै जानता हू इस पर कोई भी दल व नेता बोलने से कन्नी काटेंगे । पुनः मुद्दे पर मैं ये क्यो नही हुआ? मै क्यो नही किसी बड़े राजनीतिक परिवार के यहां जन्म लिया जिससे वंशानुगत राजनीति का हिस्सा बन जाता ? यही कारण है कि आज अधिकांश राजनेता इसी बुनियाद पर राजनीति कर रहे है । मै ये क्यो नही हुआ? किसी धनाढ्य परिवार मे पैदा क्यो नही हुआ जिससे अकूत संपत्ति के बूते राजनीति करता । आज इसी संपत्ति के बूते कई लोग राज्य सभा मे पीछे के दरवाजे से प्रवेश कर उन निष्ठावान कायॆकता को धता बताते हुए बड़े शान से राजनीति करते है। मै ये क्यो नही हुआ? मै उस तरह का चम्मच क्यो नही हुआ जो पूरी खुददारी ताक मे रखकर अपने आका के नजरो मे आने के लिए कुछ भी कर सकते है । इस जमात के लिए माता-पिता से भी बढ़कर है नेता; ऐसे लोगो को योग्य लोगो को दरकिनार कर जगह मिल जाती है । बाद मे ये मंत्री पद तक सुशोभित करते है । कई राजनेता इसके उदाहरण है । मै ये क्यो नही हुआ? मै नामी गुंडा या असामाजिक तत्व क्यो नही हुआ जिससे हर पार्टी को मेरी आवश्यकता पड़ती । यही कारण है आज हमारे प्रजातंत्र के मंदिर इन्ही से भरे पड़े है । आज ये माननीय बनकर शान से लोकतंत्र का झंडा बुलंद किये हुए है । मै ये क्यो नही हुआ? मै दस्यु या दस्यु सुंदरी क्यो नही हुआ जिससे कुछ राजनीतिक दल घर आकर टिकट देते और अनुनय भी करते। मै ये क्यो नही हुआ? मै बदजुबान क्यो नही हुआ ताकि ये दल अपनी सुविधा के लिए मुझे पालते पोसते और एक दिन अपने फायदे के लिए माननीय बनाकर ही छोड़ते । मै ये क्यो नही हुआ कि किसी अल्पसंख्यक परिवार मे पैदा होता और ता जिंदगी इसी तरह निरीह बनकर राजनीति कर माननीय बन जाता । मै ये क्यो नही हुआ? मै किसी दलित परिवार मे पैदा क्यो नही हुआ ताकि देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने के बाद भी अपनी दलित राजनीति समाज के बदले अपने लिए उपयोग करता । मै ये क्यो नही हुआ? मै किसी ऐसे समाज मे पैदा क्यो नही हुआ जो खुलकर सामाजिक राजनीति करते है और पार्टी मे भी दबाव बनाते है और माननीय भी बन जाते है । मै ये क्यो नही हुआ ? मै भ्रष्टाचार का स्त्रोत क्यो नही बन पाया जिससे इसके बूते संपर्क मे भी आता और बेखौफ राजनीति करता। मै ये क्यो नही हुआ? देश को नुकसान पहुंचाने वाले, धोखा देने वाले मे शामिल क्यो नही हुआ जिससे मै आज उस तथाकथित धर्म निरपेक्ष दल का एक बहुत बड़ा नेता बन मंत्री पद सुशोभित करता । मै ये क्यो नही हुआ? मै अशिक्षित क्यो नही हुआ ताकि ये पार्टी वाले हाथों-हाथ लेते, माननीय तो बनाते ही मंत्री पद से भी सुशोभित करते । पर आज भ्रस्ट लोगो ने राजनीति का ऐसा चक्रव्यूह बना दिया है कि राजनीति का इच्छुक आदमी यहा पर आकर अभिमन्यु की मौत मरता है । राजनीति ऐसे ही लोगो की धरोहर बन कर रह गई है । ये देश आज तक समझ नही पाया कि
राजनीति मे आने के बाद कई लोग बगैर कुछ किये, बगैर पद के, राजनीति मे शान से कैसे जी लेते है ? ये मूल मंत्र सही मे जानने की उत्सुकता रहती है । राजनीति मे ये हर दिन का मामला है । जिस दिन इस पर विचार होगा उस दिन उसके लिए राजनीति का आखिरी दिन होगा । फिर कभी इस पर ।
लेखक:डा.चंद्रकांत रामचंद्र वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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