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भारतीय विद्युत बाज़ार हरित (पर्यावरण-अनुकूल)बनने की ओर

केंद्रीय विद्युत मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिजली में ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (जीटीएएम)लॉन्च किया

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Positive India: New Delhi; Sep 02, 2020.

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भारतीय अल्पकालिक बिजली बाजार को हरित बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में,केन्द्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने आज, 1 सितंबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विद्युत क्षेत्र में पूरे देश के लिए ग्रीन टर्म अहेड मार्केट (जीटीएएम)की शुरुआत की।
लॉन्च के बाद सिंह ने कहा,“जीटीएएम प्लेटफॉर्म की शुरूआत आरई-समृद्ध राज्यों पर बोझ कम करेगी और अपने आरपीओ से आरई क्षमता को और अधिक विकसित करने के लिए उन्हें रियायत देकर प्रोत्साहित करेगी। यह आरई कारोबारी क्षमता संवर्धन को बढ़ावा देगा और देश के आरई क्षमता वृद्धि के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि जीटीएएम प्लेटफॉर्म नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि करेगा। यह प्रतिस्पर्धी कीमतों तथा पारदर्शी और लचीली खरीद के माध्यम से आरई के खरीदारों को लाभान्वित करेगा। पूरे देश के बाज़ार तक पहुंच प्राप्त करने से विक्रेताओं को भी लाभ होगा।
भारत सरकार ने 2022 तक आरई में 175 जीडब्लू क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य निधारित किया है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा का पूरे देश में विस्तार हो रहा है। ग्रीन टर्म अहेड मार्केट अनुबंधों से आरई उत्पादकों को नवीकरणीय ऊर्जा बेचने के लिए अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे। संस्थान अपने नवीकरणीय खरीद दायित्व (आरपीओ) को पूरा करने के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर नवीकरणीय बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह हरित बिजली खरीदने के लिए पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं और संस्थाओं को एक मंच प्रदान करेगा।
जीटीएएम की मुख्य विशेषताएं:
1. जीटीएएम के माध्यम से लेन-देन द्विपक्षीय होगा, जिसमें खरीदार और विक्रेता की स्पष्ट पहचान होगी, इससे आरपीओ के लेखांकन में कोई कठिनाई नहीं होगी।
2. जीटीएएम अनुबंधों को सौर आरपीओ और गैर-सौर आरपीओ में अलग किया जाएगा क्योंकि आरपीओ लक्ष्य भी अलग किए गए हैं।
3. इसके अलावा, दो सेगमेंट के भीतर जीटीएएम अनुबंधों में ग्रीन इंट्राडे, डे अहेड कांटिनजेंसी, दैनिक और साप्ताहिक अनुबंध होंगे
ए) ग्रीन इंट्राडे कॉन्ट्रैक्ट और डे अहेड कांटिनजेंसी अनुबंध – बोली-प्रक्रिया 15-मिनट के समय-वार मेगावाट आधार पर होगी।
बी) दैनिक और साप्ताहिक अनुबंध – बोली का एमडब्लूएच के आधार पर होगी। खरीदार और विक्रेता, दोनों बोली प्रस्तुत कर सकते हैं, हालांकि विक्रेता 15 मिनट के समय की ब्लॉक वार मात्रा (एमडब्लू) के साथ कीमत (रुपये प्रति एमडब्लूएच) के संदर्भ में प्रोफ़ाइल प्रदान करेगा। अनुबंध निष्पादित होने के बाद प्रोफ़ाइल के अनुसार शेड्यूल बनाये जायेंगे। कई खरीदारों के मामले में, प्रोफ़ाइल को प्रो-राटा के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
4. मूल्य की खोज निरंतरता के आधार पर होगी यानी मूल्य समय प्राथमिकता के आधार पर। इसके बाद, बाजार की स्थितियों को देखते हुए दैनिक और साप्ताहिक अनुबंधों के लिए खुली नीलामी शुरू की जा सकती है।
5. जीटीएएम अनुबंध के माध्यम से निर्धारित ऊर्जा को खरीदार का आरपीओ अनुपालन माना जाएगा।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि नवीकरणीय ऊर्जा के संवर्धन के लिए बिजली बाजार में पेश किए जाने वाले अन्य उत्पादों को तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इन्हें पेश किया जाएगा

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