भारत ने करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा को बाधित करने के संभावित प्रयासों से पाक को अवगत कराया
भारत ने करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा को बाधित करने के संभावित प्रयासों से पाक को अवगत कराया
Positiveindia: Atari/ Nai Delhi;14 जुलाई
(भाषा) भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा को बाधित करने के पाकिस्तान के कुछ व्यक्तियों और समूहों के संभावित प्रयासों को लेकर इस्लामाबाद को रविवार को एक दस्तावेज सौंपा जिसके बाद इस्लामाबाद ने आश्वासन दिया कि भारत-विरोधी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सरकार ने रविवार को यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए एक पुल बनाने और भारतीय पासपोर्ट धारकों तथा ओसीआई कार्ड-धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा के वास्ते सैद्धांतिक रूप में सहमति दे दी है।
करतारपुर गलियारे के स्वरूप पर चर्चा के लिए अटारी-वाघा सीमा पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच हुई एक बैठक के दौरान भारत ने अपनी सुरक्षा चिंताओं को रखा।
इससे पूर्व नयी दिल्ली ने इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था।
परियोजना पर वार्ता के दूसरे दौर के बाद गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि विवादित सिख नेता गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) के महासचिव पद समेत विभिन्न संस्थाओं से हटा दिया गया है।
भारत की ओर अटारी सीमा पर संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा,पाकिस्तान में कुछ व्यक्तियों या संगठनों के तीर्थयात्रा को बाधित करने और तीर्थयात्रियों की भावनाओं के साथ खेलने संबंधी चिंताओं को साझा किया गया। इस मामले से संबंधित चिंताओं को लेकर एक दस्तावेज पाकिस्तान को सौंपा गया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले संयुक्त सचिव ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि भारत-विरोधी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जायेगी।
चावला पर दास ने कहा,हमने पुष्टि की मांग की थी कि गोपाल सिंह चावला जैसे व्यक्तियों को उन निकायों से हटा दिया गया है जिन पर हमने आपत्ति जताई थी। इसलिए उन्होंने पुष्टि की कि चावला को पीएसजीपीसी और अन्य निकायों से हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष को अमेरिका स्थित खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बारे में अवगत कराया गया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में भी वाणिज्य दूत की उपस्थिति मांगी, ताकि जरूरत पड़ने पर तीर्थयात्रियों को सहायता प्रदान की जा सके।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय,रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल थे।
इस परियोजना पर यह दूसरे दौर की वार्ता है।
बयान में कहा गया है कि परियोजना के तौर-तरीकों के संबंध में मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने में प्रगति हुई है।
इसमें कहा गया है,भारतीय पासपोर्ट धारकों और ओसीआई कार्डधारकों के लिए एक सप्ताह में सातों दिन के लिए वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति दिये जाने पर सहमति जताई गई है। सालभर पांच हजार यात्रियों को प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा की अनुमति दी जायेगी। तीर्थयात्रियों को व्यक्तिगत रूप से या समूहों में और पैदल भी यात्रा की अनुमति होगी।
भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि पांच हजार तीर्थयात्रियों को हर रोज गुरुद्वारा की यात्रा की अनुमति दी जाये और विशेष मौकों पर दस हजार अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को बिना किसी पाबंदी के अनुमति दी जाये।
दास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारे से जुड़ी भूमि के अतिक्रमण और अधिग्रहण का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा,हमने पाकिस्तान से धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने और अतिक्रमण को हटाये जाने का अनुरोध किया।
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर गौर करने पर सहमति जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाले चार-लेन के राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है। राजमार्ग के निर्माण का कार्य सितम्बर तक पूरा हो जायेगा। भारत एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल केन्द्र भी बना रहा है जिसमें 15,000 यात्री बैठ सकते हैं।
इस बैठक में जीरो प्वाइंट पर दोनों पक्षों के बीच संपर्क पर भी चर्चा की गई।
भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी ओर भी इसी तरह का एक पुल बनाने का अनुरोध किया है ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षित आवाजाही हो सके। भारत ने बाढ़ से संबंधित चिंताओं को भी उठाया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इन चिंताओं को बताते हुए पाकिस्तान के साथ बाढ़ के विस्तृत विश्लेषण को साझा किया।
बयान में कहा गया है,पाकिस्तानी पक्ष ने जल्द से जल्द पुल बनाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।
इसमें कहा गया है,पाकिस्तान सैद्धांतिक रूप से यथाशीघ्र एक पुल बनाने के लिए सहमत हो गया है। पुरानी रावी क्रीक पर पाकिस्तान की ओर पुल के निर्माण के लंबित रहने पर भारत ने नवंबर में गलियारा को शुरू करने के लिए अंतरिम व्यवस्था करने की पेशकश की है। गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व के मद्देनजर भारत ने यह पेशकश की है।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने अपनी ओर बुनियादी ढांचे की समस्याओं का जिक्र किया और इस बात से अवगत कराया कि वह भारत के कई प्रस्ताव को चरणबद्ध तरीके से पूरा कर सकता है। दोनों देश इस बारे में सहमत हुए कि एक संचार माध्यम कायम किया जाएगा और करतारपुर साहिब गलियारा पर समझौता को अंतिम रूप देने की दिशा में काम किया जाएगा।
दास ने विश्वास जताया कि भारत इस पावन मौके पर करतारपुर साहिब की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार होगा।