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भारत के प्रतिभाशाली युवा एक बार फिर वर्ण एवं वर्ग व्यवस्था के शिकार

अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने के ऐतिहासिक निर्णय

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पॉजिटिव इंडिया: दिल्ली;30जुलाई 2021.
एक बार फिर वोट बैंकिंग के चक्कर में सामान्य वर्ग पर गिरी गाज, मोदी सरकार के 1 बड़े निर्णय ने हमारे देश की एक मजबूर राजनीति का परिचय दिया। कमजोर और पिछड़ा वर्ग के नाम पर अपना वोट बैंक मजबूत करने के चक्कर में सरकारी जिस तरह से सामान्य वर्ग का गला काटे जा रही है उसका एक उदाहरण मोदी सरकार भी देने से नहीं चूकी। कमजोर और पिछड़े वर्ग के नाम पर दिए गए आरक्षण को बरसों से झेल रहे थे, सामान्य वर्ग आज फिर मोदी सरकार ने एक बार उसी नीति का पालन कर वाहवाही लूट रही है।
10 परसेंट दिए हैं कमजोर वर्ग के आरक्षण के लिए सही लाभ किन वर्गों को पहुंचने वाला है सभी अच्छे से जानते । सामान्य वर्ग के लिए कोई पॉलिसी नहीं है उनके पास, आजादी के 75 साल में हम प्रवेश करने बावजूद और शोषण और सामाजिकता के नाम पर इंसानी टैक्स सामान्य और पिछड़े हुए के नाम पर बसूला जा रहा है हम आज भी उसी भेदभाव में अटके हुए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की सराहना कर रहे हैं ।अपने ट्वीट्स में अमित शाह ने कहा कि “मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक (Undergraduate) और स्नातकोत्तर (PG Medical/Dental courses) में अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने के ऐतिहासिक निर्णय पर नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूँ”। गृह मंत्री ने कहा कि “बहुत समय से लंबित इस मांग को पूरा कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए प्रति सरकार की कटिबद्धता को दर्शाया है। मोदी सरकार के इस निर्णय से लगभग 5550 छात्र लाभान्वित होंगे”। पिछली सरकारों के लिए गए निर्णय को मोदी सरकार अब थप्पड़ लगा रही है। इस योजना के तहत वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से सभी स्नातक/स्नातकोत्तर मेडिकल/डेंटल कोर्सों में अखिल भारतीय कोटा (AIQ) सीटों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ, ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जा रहा है। क्या इस 10% आरक्षण से वाकई हर वर्ग को निष्पक्ष लाभ पहुंचेगा कि उसमें भी वर्ग व्यवस्था जाएगी। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक (Undergraduate) और स्नातकोत्तर (PG Medical/Dental courses) में अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने के ऐतिहासिक निर्णय पर समझ में नहीं आ रहा है की नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन किया जाए या इस फैसले पर अफसोस । मोदी सरकार से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर उम्मीद आम जनता को बहुत ज्यादा है परंतु, आरक्षण की राजनीति फिर से भारी पड़ रही है सामान्य वर्ग पर। सामान्य वर्ग का 70% अंक पाने वाला विद्यार्थी अखिल भारतीय कोटा योजना के 30 परसेंट अंक पाने वाले विद्यार्थियों से हमेशा पराजित होता रहेगा। वर्गों के आधार पर, प्रतिभाओं के बंटवारे में क्या सही में प्रतिभाशाली युवाओं के साथ न्याय कर रही है हमारी सरकार?!

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