Positive India:Rajesh Jain Rahi:
बारिश नहीं रुकेगी प्रियतम,छाता लेकर आ जाना।
इधर-उधर भटकेंगे यूँ ही,और लिखेंगे इक गाना।
लिखना तुम मुझको आवारा,मैं तुमको मधुमास लिखूँ,
लिखना तुम मुझको दीवाना, मैं तुमको अहसास लिखूँ।
लिख देना तुम मुझको शायर,मैं तुमको उल्लास लिखूँ।
लिख देना तुम मुझको अपना,मैं तुमको अनुप्रास लिखूं।
बारिश नहीं रुकेगी प्रियतम,छाता लेकर आ जाना,
इधर-उधर भटकेंगे यूँ ही,और लिखेंगे इक गाना।
तुम बन जाना प्रीत महकती,मैं तेरा श्रंगार बनूँ
नाज दिखाना तुम शर्माकर, मैं तेरा मनुहार बनूँ।
तुम धडकन में आकर बसना, सदियों का मैं प्यार बनूँ।
तुम बन जाना राग माधुरी,मैं तेरा आधार बनूँ।
बारिश नहीं रुकेगी प्रियतम, छाता लेकर आ जाना।
इधर-उधर भटके यूँ ही,और लिखेंगे इक गाना।
लेखक: कवि राजेश जैन राही, रायपुर