पॉजिटिव इंडिया:बलौदाबाजार:अस्पतालों का बायो मेडिकल कचरा रोड के किनारे फेंकने वाले के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिले के सभी शासकीय एवं निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब को जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का पालन करना अनिवार्य है। जिसके तहत इन सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और क्लीनिक से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट जैसे- मानवीय और पशु उत्तक अंग, फीटस, पट्टियां, प्लास्टर, रक्त की थैलियां, सिरिंज, सुईयां और ब्लेड, रसायनिक अपशिष्ट, दवाई की शीशीयां, कांच के बर्तन आदि का उचित निपटारा करना होगा। ऐसा न करने वाले अस्पतालों नर्सिंग होम्स और क्लीनिक के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिसके तहत पांच साल की सजा और पांच लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेय गोयल ने आज स्वास्थ्य, पशुधन विकास और नगरीय निकाय के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए है कि जिले में सभी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब, पशु औषधालयों को इस नियम का पालन कड़ाई से करवाएं। बैठक में बताया गया कि बायो मेडिकल कचरा स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है इसलिए इसका उचित निपटारा जरूरी है। ऐसे कचरे से न केवल भूमि, जल और वायु प्रदूषित होते है बल्कि महामारी, विभिन्न प्रकार के संक्रमण, एचआईव्ही, हिपेटाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा भी होता है। बायो मेडिकल कचरे के निपटारे के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेषज्ञ एजेन्सियों कामन वेस्ट ट्रीटमेन्ट फेसिलिटी से अनुबंध किया गया है जो अस्पतालों से इस कचरे को एकत्रित कर वैज्ञानिक तरीके से इसका निपटारा करते है। बैठक में बताया गया कि जिले में अब तक 27 निजी अस्पतालों द्वारा ही बायो मेडिकल वेस्ट का उचित निपटारा किया जा रहा है। कलेक्टर श्री गोयल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए है कि जिले के सभी निजी अस्पतालों द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम-2016 का पालन सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि इस बात की कड़ी निगरानी रखी जाए कि कोई भी अस्पताल बायो मेडिकल कचरे को खुले मैदान में, जल स्त्रोंतों में, नालियों में न फेंकने पाएं।
उन्होंने शहरी विकास प्राधिकरण की परियोजना अधिकारी श्रीमती शीतल चंद्रवंशी को निर्देश दिए कि जिले के सभी नगरीय निकायों में बायो मेडिकल कचरे के प्रबंधन के बारे में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। नगरीय निकायों को इस बात की निगरानी भी रखनी होगी कि कहीं कोई अस्पताल नगरीय निकाय के माध्यम से संचालित डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के समय सामान्य कचरे के साथ बायो मेडिकल कचरा न देंवे। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पतालों में काम करने वाले हेल्थ स्टाफ का टीकाकरण और स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से किया जाए। जिसका रिकार्ड संधारित करना अनिवार्य होगा। उन्होंने नर्सिंग होम एक्ट का पालन न करने वाले अस्पतालों के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री जोगेन्द्र नायक, एसडीएम भाटापारा श्री महेश राजपूत, पीओ डूडा श्रीमती शीतल चंद्रवंशी, उप संचालक पशुधन विकास डॉ. आर.एन.जायसवाल, सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल की कंसल्टेन्ट सुश्री स्वाति यदु, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डीपीएम श्रीमती सृष्टि मिश्रा उपस्थित थे।
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