www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

बहुत कर चुका प्रपोज तुम को अब तुम्हारी बारी है

एक ग़ज़ल दयानंद पांडेय की कलम से।

Ad 1

Positive India:दयानंद पांडेय:
आज के दिन फिजिक्स तुम्हारी केमेस्ट्री हमारी है
बहुत कर चुका प्रपोज तुम को अब तुम्हारी बारी है

Gatiman Ad Inside News Ad

सूरज रोज निकलता है चांद निकलना रोज होता नहीं
इंतज़ार की सारी रात हमारी है खिली चांदनी तुम्हारी है

Naryana Health Ad

तुम यह कहो या वह कहो तुम्हारी चांदनी में जीता हूं
दुनिया चाहे जो कहे खरबूज मैं हूं और छुरी तुम्हारी है

पहले आंखों में बसी दिल में उतरी ज़िंदगी में बस गई
रोम-रोम में बस कर क्या सातो जनम की तैयारी है

रुंधती रहती हो हर क्षण मुझे किसी कुम्हार की तरह
गीली मिट्टी हूं जो चाहो बना लो यह दुनिया तुम्हारी है

बहुत संवार चुकी मुझ को आज खुद को संवारने दो
प्रपोज तुम करो स्वीकार करने दो मुझे मेरी बारी है

प्रधान मंत्री तुम गृह मंत्री तुम वित्त मंत्री भी तुम्हीं हो
शासन तुम्हारा ही है लेकिन आज राष्ट्रपति की बारी है
साभार:दयानंद पांडेय-एफबी।

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.