आयुष सेक्टर के उभरते हुए आईटी आधार वाले आयुष ग्रिड का राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के साथ होगा परिचालन एकीकरण
Positive India:Delhi;2 October 2020.
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेक की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न हुई उच्च स्तरीय बैठक में आयुष सेक्टर के उभरते हुए आयुष ग्रिड का राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के साथ (एनडीएचएम) परिचालन एकीकरण का समर्थन किया गया। आयुष ग्रिड टीम और एनडीएचएम इस मामले को लेकर पहले ही कई दौर की चर्चा कर चुके हैं और इसमें शामिल तौर-तरीकों पर समझ बना चुके हैं। यह एकीकरण उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए विभिन्न विकल्पों का लाभ उठाने के लिए जनता के लिए काफी फायदेमंद होगा। एकीकरण से स्वास्थ्य सेवा के आयुष विषयों की मुख्यधारा में भी तेजी आएगी।
सचिव (आयुष) ने आयुष ग्रिड परियोजना के तहत की गई आईटी पहलों की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की। यह देखा गया कि पिछले दो सालों में आयुष ग्रिड परियोजना आयुष क्षेत्र में डिजिटल खाई को पाटने में सफल रही और विभिन्न महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा आईटी परियोजनाओं को लागू करने में भी सफल रही।
मंत्रालय ने 2018 में एक व्यापक आईटी आधार बनाने के लिए आयुष ग्रिड परियोजना शुरू किया था। संपूर्ण आयुष क्षेत्र के डिजिटलाइजेशन से अनुसंधान, शिक्षा, विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों और नशीली दवाओं के नियमन सहित सभी स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच के क्षेत्रों में परिवर्तन होगा। यह देश के नागरिकों सहित आयुष के सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगा और बदले में स्वास्थ्य सेवा में विभिन्न राष्ट्रीय और वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
परियोजना में अब तक लागू की गई विभिन्न पहलों में सबसे महत्वपूर्ण आयुष स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एएचएमआईएस) है। मूल रूप से, थेरान पर आधारित, चेन्नई स्थित सिद्ध अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित एक एएचएमआईएस है। एएचएमआईएस अब आयुष मंत्रालय के लगभग 100 क्लिनिकल प्रतिष्ठान द्वारा उपयोग किए जाने वाले एक मजबूत, क्लाउड-आधारित सूचना प्रणाली के रूप में उभरा है। इसके अलावा, हाल ही में बैंगलोर स्थित मैसर्स भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की सेवाओं के दायरे को तेजी से बढ़ाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। मंत्रालय केंद्र सरकार के दायरे से बाहर आयुष इकाइयों को एएचएमआईएस तैनात करने की भी तैयारी कर रहा है ताकि पूरा आयुष क्षेत्र इसका उपयोग कर सके।