www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

क्या आप जानते हैं अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य स्वरूपानंद का वही चेला है जिसने राम मंदिर के भूमि पूजन को रुकवाने की भरपूर कोशिश की थी

- सतीश चंद्र मिश्रा की कलम से-

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India:Satish Chandra Mishra:
आपको वह भगवाधारी याद है…?
बागेश्वर धाम के हनुमान भक्त बाबा धीरेन्द्र शास्त्री जी के विरुद्ध अविमुक्तेश्वरानंद ने जमकर ज़हर उगलना शुरू कर दिया है। उसने बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी है कि वो जोशीमठ आकर धंसकती हुई जमीन को रोककर दिखाएं, तब हम उनके चमत्कार को मान जाएंगे। अविमुक्तेश्वरानंद की यह चुनौती हिन्दू देवी देवताओं की खिल्ली उड़ाने के लिए ही की गयी है।
अविमुक्तेश्वरानंद उसी गैंग का मेंबर है, जो गैंग जून 2013 में केदारनाथ में आयी जल प्रलय के बाद पूछ रहा था कि भगवान केदारनाथ ने उस जलप्रलय को रोक क्यों नहीं दिया.?

अब जानिए कि, कौन है ये अविमुक्तेश्वरानंद.? तब आपकी समझ में आ जाएगा कि, बागेश्वर धाम के हनुमान भक्त बाबा धीरेन्द्र शास्त्री जी के विरुद्ध वो ज़हर क्यों और किस के इशारे पर उगल रहा है।
मई 2014 में केंद्र में सत्तारूढ़ हुई मोदी सरकार के कुछ महीनों बाद ही उनके निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भयंकर विवाद खड़ा कर दिया गया था। उस वर्ष सितम्बर माह में वाराणसी में लगभग 100 से अधिक गणेशोत्सव के पांडाल सजे थे सबके आयोजकों ने प्रशासन के इस अनुरोध को सहर्ष स्वीकार कर लिया था कि गंगा के बजाय प्रशासन द्बारा की गयी अलग व्यवस्था के अनुसार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाए, लेकिन केवल एक व्यक्ति इस के विरुद्ध प्रशासन से हिंसक टकराव पर उतारू हो गया था। परिणामस्वरुप पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। उस समय वह भगवाधारी खुद पीछे हट गया था और अपने साथ लाए गए छोटे छोटे बच्चों को आगे कर दिया था। परिणामस्वरूप कुछ बच्चे भी पुलिस की लाठियों से पिट गए थे। लेकिन लाठीचार्ज के बाद वह भगवाधारी यूपी की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरुद्ध एक शब्द नहीं बोला था। इसके बजाय केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहर उगलने में जुट गया था। जबकि विसर्जन की वह नीति, लाठी चार्ज करनेवाली पुलिस तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार की ही थी. इसके दस महीने बाद वह भगवाधारी पुनः सक्रिय हुआ था। 16 जुलाई 2015 को आये भयंकर आंधी तूफ़ान के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी यात्रा की तैयारियों में जुटे एक श्रमिक की दुखद मृत्यु के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी वाराणसी यात्रा कुछ दिनों के लिए रद्द कर दी थी। परिणामस्वरूप बीएचयू स्थित ट्रॉमा सेंटर का उदघाटन भी कुछ दिनों के लिए टल गया था। उस दुखद हादसे को हथकंडा बनाकर उसी भगवाधारी ने, नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके कुख्यात बाहुबली कांग्रेसी नेता और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तथा उसके मुट्ठी भर समर्थकों को साथ लेकर ट्रॉमा सेंटर पर धावा बोल दिया था और ट्रामा सेंटर का उदघाटन उसी बाहुबली कांग्रेसी नेता के गुर्गों के हाथों से कराने की जिद्द पर उतारू हो गया था। उस समय ट्रामा सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था सम्भाल रही उत्तरप्रदेश पुलिस ने उस भगवाधारी और उसके कांग्रेसी साथियों पर लाठीचार्ज कर के उसे वहां से खदेड़ दिया था। लेकिन इस लाठीचार्ज के बाद भी वह भगवाधारी यूपी की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उत्तरप्रदेश पुलिस तथा स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध एक शब्द नहीं बोला था। इसके बजाय केंद्र की सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहर उगलने में जुट गया था। उस बाहुबली कांग्रेसी नेता और उसके गुर्गों को साथ लेकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ धरने पर बैठ गया था। जबकि उपरोक्त दोनों घटनाक्रमों में केंद्र सरकार की किसी एजेंसी या मंत्रालय का किसी प्रकार का कोई परोक्ष अपरोक्ष संबंध नहीं था। वह दोनों घटनाक्रम पूरी तरह से स्थानीय जिला प्रशासन या उत्तरप्रदेश सरकार से ही संबंधित थे।
क्या आप जानते हैं कि वो भगवा धारी कौन था.?
तो जानिए कि उस भगवाधारी का नाम अविमुक्तेश्वरानंद था जो अब मर चुके स्वरूपानंद का सबसे खास और विश्वसनीय चेला रहा है। स्वरूपानंद अपने बाद इसी अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य की गद्दी सौंपने की पूरी तैयारी कर चुका था। इसी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुहूर्त के नाम पर स्वरुपानंद से विवाद उत्पन्न करा के राम मंदिर के भूमिपूजन को रुकवाने का भरपूर प्रयास किया था।हालांकि उसका यह कांग्रेसी हथकंडा बुरी तरह असफल हो गया था और स्वरूपानंद बुरी तरह कोसा जाने लगा था। लेकिन स्वरुपानंद और उसके चेले अविमुक्तेश्वरानंद के उस कांग्रेस प्रायोजित पूरे हुड़दंग से पूरी तरह अविचलित और भलीभांति परिचित विश्व हिन्दू परिषद ने स्वरुपानंद और उसके चेले अविमुक्तेश्वरानंद को बहुत साफ शब्दों में दो टूक बता दिया था कि तुम चाहे जितना नंगनाच करो। उससे कोई फर्क़ पड़ने वाला नहीं। अयोध्या में राममंदिर निर्माण का प्रारंभ निर्धारित मुहूर्त पर ही हुआ था। आज उसका निर्माण तूफानी गति से हो रहा है। कहीं कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई है।
दरअसल इटली में रोम से संचालित होने वाली ईसाई मिशनरियों द्वारा भारत में चलायी जा रही धर्मानंतरण की साज़िश के लिए बागेश्वर धाम के हनुमान भक्त बाबा धीरेन्द्र शास्त्री जी बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं। इसीलिए इटैलियन सोनिया गांधी की कांग्रेस का भक्त/चेला अविमुक्तेश्वरानंद उनके विरुद्ध ज़हर उगलने में जुट गया है।

नोट: पोस्ट के साथ प्रस्तुत यह फोटो उसी समय का है जब बाहुबली कांग्रेसी नेता अजय राय (भूरे कुर्ते, सफेद दुपट्टे वाला गंजा) और उसके गुर्गों को साथ लेकर अविमुक्तेश्वरानंद देश के प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ धरने पर बैठ गया था।

साभार: सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार है)

Leave A Reply

Your email address will not be published.