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विपक्षी दलों द्वारा मिलकर संसद भवन उद्घाटन का बहिष्कार तथा इसका विश्लेषण

Positive India:Vishal Jha: जो अभी संसद भवन है, पूछा जाए कि किसने बनवाया, तो जवाब में नाम किसी अंग्रेज एडविन लुटियंस का आएगा। और उद्घाटन किसने किया, तो तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने, 1927…

स्वतंत्रता के पचहत्तर वर्षों बाद अब भारतीय संसद में प्रधानमंत्री मोदी ‘राजदण्ड…

सेंगोल का अर्थ होता है धर्म, सत्य और निष्ठा! इस राष्ट्र की सत्ता को इन तीनों मूल्यों की कितनी आवश्यकता है, यह सब समझ रहे हैं। शायद इसीलिए संसद में इस शक्ति के प्रतीक दण्ड का स्थापित होना…

दुनिया के किसी देश में संघीय राजधानी की ऐसी दुर्दशा नहीं, जितनी केजरीवाल ने दिल्ली की…

जिस शहर में देश का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री संसद और सर्वोच्च न्यायालय स्थित हो वहाँ और उसके आस पास के क्षेत्र पर केंद्र सरकार का निर्विवाद नियंत्रण होना ही चाहिए । पता नहीं किस झोंक में…

हिंदू धर्म के डीएनए में एकता क्यो नहीं है ?

सावरकर समझते थे कि एकत्व क़ायम किए बिना बाहरी शक्तियों से लड़ा नहीं जा सकेगा। यही कारण था कि वे जाति-प्रथा के विरोधी थे, क्योंकि जातिगत विभेद हिंदू-एकता में बड़ी बाधा था। सावरकर एक राष्ट्र, एक…

यह कौन लोग हैं जिन्हें हर मंदिर में तंग किया जाता है , घुसने नहीं दिया जाता ?

यह कौन लोग हैं जिन्हें मंदिरों में बहुत दिक्क़त होती है । ब्राह्मण वहां न होते हुए भी उन्हें रोक दिया करते हैं ? यह समाज में जहर फैलाने वाले लोग कौन हैं ? अरे आप की मंदिर में श्रद्धा नहीं है…

हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं

वानखेड़े कुछ ज्यादा ही लोकप्रियता हासिल कर लिए थे। और अब यह सब कुछ शाहरुख खान को हारकर जीतने वाला बाजीगर साबित कर रहा है, बिल्कुल फिल्मी डायलॉग में। जिसमें मीडिया अपनी आईडियोलॉजिकल दूरियां…

धीरेन्द्र शास्त्री के बिहार पहुंचते ही जातिवाद का जहर बो कर सत्ता का भोग करने वाले…

बाबा धीरेन्द्र शास्त्री तुरंत समझ गए बिहार में जातिवाद की खेती भले किसी राजनीतिक स्तर पर की जा रही हो, लेकिन इस भीड़ में किसमें सामर्थ्य है तय करने की, कौन किस जाति का है?