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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चीफ जस्टिस को किया असहज

न्यायाधीशों की संपत्ति के ब्यौरे का पेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर खाली पड़ा है। तुम कौन सा राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा हो कि तुम्हारी संपत्ति के बारे में लोग जान जाएँगे तो कहर टूट पड़ेगा?…

बालिकाओं पर अत्याचार करने वाले नरकासुर का वध श्रीकृष्ण ने स्वयं आगे बढ़ कर क्यो किया ?

साक्षी और साक्षी जैसी अन्य लड़कियों की हत्या पर हल्ला होना ही चाहिये। तबतक होना चाहिये, जबतक हर लड़की यह जान न जाय कि उसकी ओर बढ़ने वाला हर विधर्मी नरकासुर ही है। तभी हल निकलेगा। इस शहरी हो…

भारत अगर धर्मनिरपेक्ष देश है तो मुसलमानों की मर्ज़ी से नहीं है

बैरिस्टर ओवैसी साहब आपके पूर्वजों ने अंग्रेजों से कोई जंग नहीं लड़ी बल्कि आपकी पार्टी उन रज़ाकारों की पार्टी हुआ करती थी जो हैदराबाद को हिंदुस्तान और हिंदुओं से जुदा करना चाहती थी ।…

यह पुरुष प्रधान समाज स्त्रियों के लिए तेज़ाब की नदी है

महिलाओं को आधी दुनिया कहा ज़रूर जाता है पर सच यह है कि यह आधी दुनिया नहीं , बहिष्कृत दुनिया है । यह समानता , यह बराबरी की बात कोरी लफ़्फ़ाज़ी है ।

बैरिस्टर ओवैसी साहब कह रहे हैं कि मुसलमानों को अपना नेता चुनना होगा

काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती । सबके साथ रहेंगे सबका दुख दर्द समझेंगे तो फ़ायदे में रहेंगे । वरना जिस दिशा में आप मुसलमानों को ले जाना चाह रहे हैं उधर कुछ रखा नहीं है । अभी तो हिंदू तमाम…

नौ वर्ष, नौ योजनाएँ जिसने भारत की छवि बदली

ग्रामीण लोगों के लिए पेयजल, शौचालय, आवास, एलइडी, सिलिंडर, सड़क आदि की गुँथी हुई योजनाओं ने ग्रामीण जीवन को कई सीढ़ी एलिवेट किया है। शहरी जीवन जीने वाले इन सुविधाओं की महत्ता समझ ही नहीं…

कौन होगा जो 2024 में मोदी से मुकाबला करने मे सक्षम है?

पिछले नौ सालो से मोदी विरोध करने वाले नेताओं के चेहरों पर मुस्लिम तुष्टीकरण,वंशवाद और लूट खसोट की गहरी कालिख पुती है....ये जो नये संसद भवन का विरोध करने मे एकजुटता दिखाने और संगठित होने का…

संसद भवन का लोकार्पण: प्रधानमंत्री संसद के किस हिस्से के लिए उत्तरदायी है?

आप लोग जो रो रहे हैं कि यार राष्ट्रपति का बनता है, तो आप वामपंथियों के नैरेटिव को अपना चुके हैं। उन्होंने तीन दिन में आपको कन्विन्स कर दिया कि प्रधानमंत्री तो कुछ होता ही नहीं, जो होता है…

कितने ईश्वर हैं और कितनी तरह के? और ये सब कहां से आए? किसकी कल्पना से उपजे?

इस्लाम ने भी अपने ईश्वर का कोई चित्र नहीं बनाया। यानी आप जैसी चाहें, कल्पना कर लें। किंतु कल्पना ना ही करें तो बेहतर होगा। क्योंकि कल्पना 'कुफ़्र' है!