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आधुनिक इस्राइल का जन्म भारतीय सैनिकों की हैफ़ा विजय से ही हुआ है

Positive India:Rajkamal Goswami: प्रथम विश्व युद्ध से पहले समूचा मध्यपूर्व जिसमें ईराक़ सीरिया जॉर्डन लेबनान सब शामिल था तुर्की के उस्मानी ख़िलाफ़त का अंग था । वही ख़लाफ़त जिसकी सुरक्षा के…

गाजा पट्टी के नागरिकों से एक पैसे की सहानुभूति भी नहीं है

गाजा पट्टी के नागरिकों से एक पैसे की सहानुभूति भी नहीं है। इस लिए कि अगर वह सभ्य शहरी होते तो अपने आंगन में आतंकी हमास को फूलने-फलने नहीं देते। आतंक और आतंकी के किसी भी समर्थक से कभी भी किसी…

NHMMI हॉस्पिटल ने स्तन कैंसर जागरूकता के लिए उठाया महत्वपूर्ण कदम

एनएच एम एम आई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हर शुक्रवार को ब्रैस्ट कैंसर क्लीनिक की शुरुआत की , जिसमें निशुल्क परामर्श एवं मैमोग्राफी स्क्रीनिंग की…

पशु-पक्षी कैसे मरते हैं और मरने के बाद उनका क्या होता है?

पक्षियों का भरपूर नींद नहीं लेना मुझे करुणा से भरता है। मछली आँखें खोलकर इसलिए सोती है, क्योंकि उसकी पलकें नहीं होतीं। साँप की भी नहीं होतीं। पक्षियों की आँख पर एक झीनी-सी झिल्ली ज़रूर होती…

मौन को कोलाहल निगल लेता है , साधना को संभोग

रशियन सुंदरी दारिया और भारतीय अधेड़ विनय के कामसूत्री मनोशारीरिक प्रयोगों से चित्रलेखा के कुमारगिरि की पाप पुण्य की विवेचना मन मे आती है ।फिर पृश्न उठता है कि ध्यान में साधना या काम और वासना?

गुरुकुल कॉलेज में रेमवॉक टेक्नोलॉजी पर कार्यशाला

पॉजिटिव इंडिया:रायपुर, गुरुकुल महिला महाविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान विभाग एवं रेमवॉक टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान मे वेब डिजाइन एंड डेवलपमेंट विषय पर। 6 दिवसीय कार्यशाला। 9…

सिनेमाई संसार में पराजित प्रेम कहानियों की सर्वश्रेष्ठ नायिका कौन? रेखा! रेखा और केवल…

प्रेम बूढ़ा नहीं होता कभी! रेखा कभी बूढ़ी नहीं होंगी। यूँ ही गुजर जाएंगी, कातिक की रात में रजनीगन्धा की गंध लिए निकले किसी झोंके की तरह... यही उनकी नियति है...

गुरुकुल महिला महाविद्यालय मे स्मार्ट लाइट इंप्लीमेंटेशन पर वर्कशॉप

पॉजिटिव इंडिया:रायपुर, गुरुकुल महिला महाविद्यालय में आज दिनांक 11 अक्टूबर को स्मार्ट लाइट इंप्लीमेंटेशन पर तीन दिवसीय वर्कशॉप सफलतापूर्वक संपन्न हुआl जिसमें अतिथि के रूप मैं याज्ञवल्क्य…

भारत जैसा सेक्यूलर दोगलों का देश नहीं है इजराइल

आतंक , और आतंकी के साथ नो सहानुभूति। अबकी हमास का कोई नामो-निशान नहीं रहेगा। क्यों कि इजराइल , भारत नहीं है। न ही भारत जैसा सेक्यूलर दोगलों का देश है।

हमास ने इस्राइल से युद्धविराम और वार्ता की क्यों पेशकश की?

रह गया हमास अकेला । अभी तो दो दिन भी नहीं हुए इस्राइल का ग़ुस्सा तो इतनी जल्दी ठंडा होने वाला नहीं है । वह तो ग़ाज़ा का नामोनिशान मिटाने का संकल्प लेकर युद्धरत है । वैसे भी हमास सुन्नी है और…