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वो बच्चा जिसे वैष्णों माता की यात्रा के दौरान बस रोक कर आतंकियों ने मार दिया।

इस बच्चे के लिए कहीं कोई संवेदना नहीं, कहीं कोई शोक नहीं, प्रतिक्रिया का कोई स्वर नहीं... जबतक सामने टुकड़े न फेंके जाय, तबतक वे क्यों बोलेंगे? उनके लिए तो संवेदना भी धंधा ही है।

नीतीश कुमार एक पहेली क्यों हैं ?

नीतीश कुमार पलटी मारने में शुरू से ही उस्ताद हैं। 1994 में लालू यादव से अलग रास्ता अपनाते हुए उन्होंने समता पार्टी बनाई, जिसने 1996 के आम चुनावों में भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी बनने का पथ…

लोकसभा चुनाव : छत्तीसगढ़ में फिर वही कहानी

कांग्रेस की स्थिति यह है कि कोई भी निस्वार्थ भाव से पार्टी के लिए काम नहीं करना चाहता। विधानसभा चुनाव में बघेल सरकार का पतन इन्हीं वजहों से हुआ जबकि सरकार की नीतियां बेहतर थीं और भूपेश बघेल…

जवाहर लाल ने तार क्यों भेजा “मगर वहाँ तुम्हारे पास आम कहाँ हैं !

Positive India: Rajkamal Goswami: आमों और चावलों की कितनी किस्में हैं इसका कोई जवाब नहीं है ! शुगर के मरीज़ों के लिये यह दोनों वर्जित हैं ! इंदिरा और फ़िरोज़ गर्मियों में कश्मीर घूमने…

चिरयौवना अयोध्या की अधिष्ठात्री देवी अयोध्या को प्रणाम कीजिए !

अयोध्या है कौन जिस के नाम पर यह नगर अयोध्या बसा। नहीं जानते तो पढ़िए कभी कालिदास लिखित रघुवंशम् । तो पता चलेगा कि अयोध्या एक स्त्री का नाम है। अयोध्या इस नगर की अधिष्ठात्री देवी भी कही जाती…

भाजपा की अयोध्या में लगी आग कैसे बुझेगी !

नीतीश कुमार का सहसा नरेंद्र मोदी का पांव छूना बताता है कि लालू और तेजस्वी से बिहार में वह बहुत आजिज हैं। नरेंद्र मोदी की राजनीतिक छांव की उन्हें बहुत ज़रूरत है। मोदी को नीतीश की ज़रूरत कम ,…