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पिता कहीं नहीं जाते! वे हमेशा अपने बच्चों के आसपास ही होते हैं।

पिता गणित का वो सवाल हैं, जो अधिकांश विद्यार्थियों को सिलेबस खत्म होने के बाद समझ आता है। पिता जबतक होते हैं तबतक समझ नहीं आते।

Breaking: डीआरडीओ ने एआई की ताकत को आजमाया

दिव्य दृष्टि’ चेहरे की पहचान को चाल विश्लेषण के साथ जोड़कर एक मजबूत और बहुआयामी प्रमाणीकरण प्रणाली बनाती है। यह दोहरा दृष्टिकोण पहचान की सटीकता को बढ़ाता है, फाल्स पॉजिटिव्स या आइडेंट फ्रॉड…

क्या शाकाहार एक ‘सवर्णवादी’ विचार और वीगनवाद एक…

वामधारा का आरोप है कि "शाकाहार एक 'सवर्णवादी' विचार है, जिसे लोगों पर 'थोपा' जाता है और इसके बहाने विशेषकर ब्राह्मणवादी ताक़तें मुख्यतया मुसलमानों, दलितों और पिछड़ी जातियों पर निशाना साधती…

जातीय आरक्षण की आग में देश को जलने से बचाईए

आरक्षण खत्म करने का सिर्फ़ एक ही रास्ता है सभी उपक्रमों और सेवाओं का निजीकरण । देखिएगा तब देश के विकास की रफ़्तार चीन से भी तेज हो जाएगी । लिख कर रख लीजिए । बस एक ध्यान सर्वदा रखना पड़ेगा कि…

एक मृत चिड़िया का यह स्मारक दयाधर्म की कविता है!

चिड़िया का स्मारक! स्मारक तो साधारण मनुष्यों का भी नहीं बनता, केवल विशिष्टजनों की मृत्यु के बाद ही उनके लिए शिलालेख बनाए जाते हैं। तब उन नेक लोगों ने चिड़िया का स्मारक बनाकर यह संदेश दिया कि…

बृजमोहन के लिए अंगूर फिलहाल खट्टे क्यों हैं?

यह निश्चित है कि राज्य की राजनीति में अब बृजमोहन अग्रवाल का सीधा दखल नहीं रह पाएगा। चार दशक से प्रदेश की राजनीति करने वाले व्यक्ति के लिए यकीनन यह स्थिति बहुत पीड़ादायक है। बृजमोहन की कसक को…