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वामियों के इकोसिस्टम ने एकजुट होकर सुशोभित को क्यों घेरा ?

ऐसा कौन-सा डेस्पेरेशन था, जो हिन्दी के इतने सारे होनहार एक साथ टूट पड़े और वह भी उस किताब के लिए जिसे उन्होंने अभी पढ़ा तक नहीं है, न कभी पढ़ेंगे। जानवरों के हित में बात करना और शाकाहार की…

अंततः आठ सौ वर्ष के बाद नालंदा विश्वविद्यालय पुनः उठ खड़ा हुआ

राम मंदिर 500 वर्ष बाद बनता है, नालन्दा विश्वविद्यालय 800 वर्ष बाद। यूँ ही किसी दिन कोणार्क में पुनः होगी सूर्यदेव की प्रतिष्ठा, मुल्तान के उस ऐतिहासिक शिवालय में कोई करेगा महामृत्युंजय…

छत्रपति शिवाजी महाराज ने डंके की चोट पर हिन्दवी साम्राज्य की घोषणा की

शिवा जी ने अपने साम्राज्य को कोई और नाम (शिवाजी साम्राज्य या मराठा साम्राज्य) नहीं दिया!! उन्होंने नाम दिया हिंदू साम्राज्य। उन्होंने हिन्दूपदपादशाही की स्थापना की।

क्या आपको मालूम है कि राजा सगर ने भारत सागर का निर्माण कराया?

गङ्गा उतरीं। सगर कुल के लिए, समूची मानवजाति के लिए, समस्त जीवों के लिए... सबकी माता, जगत माता... अब प्रश्न था कि उनका वेग कैसे सम्भले? तो शिव ने जटा खोली। सृष्टि के सबसे महान तपस्वी की…

भला कोई ‘रातोंरात’ गांधीवादी कैसे बन सकता है?

हिन्दी साहित्य की अंदरूनी दुनिया झूठ, प्रपंच, भितरघात, कुंठा, ईर्ष्या, दुर्भावना और द्वेष से भरी हुई है। हिन्दी के लेखक किन्हीं राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार करते हैं। फ़र्क़…

पिता कहीं नहीं जाते! वे हमेशा अपने बच्चों के आसपास ही होते हैं।

पिता गणित का वो सवाल हैं, जो अधिकांश विद्यार्थियों को सिलेबस खत्म होने के बाद समझ आता है। पिता जबतक होते हैं तबतक समझ नहीं आते।