www.positiveindia.net.in

छत्तीसगढ़ में एआरटी व सरोगेसी करने वाले निजी स्वास्थ्य संस्थाओं का पंजीयन प्रारंभ

सरोगेसी एक्ट के तहत सभी आईवीएफ सेंटरों को एक कानूनी प्रक्रिया में बांधा गया है ताकि वे एथिकल प्रेक्टिस कर सकें। एक्ट में प्रावधान है कि ऐसे इनफर्टिलिटी कपल जिनका इलाज प्रक्रियाधीन हैं उनका…

कभी था एम वाई , अब डबल एम फैक्टर है , भाजपा मुक्त भारत का सपना देखने-दिखाने वाला

डबल एम मतलब मुस्लिम और मुफ्तखोर। देश की राजधानी दिल्ली में यह फैक्टर सिर चढ़ कर बोल रहा है। पंजाब में भी इस का जलवा दिखाई दिया बीते चुनाव में। और तो और नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चपतियाते…

गोदी मीडिया के बहाने और निशाने

मीडिया का एक ख़ास पॉकेट मोदी का पिट्ठू बन गया है तो इस में अचरज क्या है भला। ब्रिटिश पीरियड से यह परंपरा जैसे भारतीय मीडिया का चलन बन गया है। मीडिया का एक ख़ास पॉकेट तो आज की तारीख में सोनिया…

बूढ़ा तालाब में आयोजित हुआ ओपन माइक का आयोजन

Positive India:Raipur:आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के 'जीवन सूचकांक सर्वेक्षण-2022' में आम नागरिकों को फीडबैक हेतु प्रेरित करने के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा वॉइस ऑफ…

जब मज़हब भारी हो जाता है तो एक जिन्ना खड़ा हो जाता है और पाकिस्तान पैदा हो जाता है

मुस्लिम समस्या ठीक वैसे ही जैसे जो पाकिस्तान बनते समय थी । वह है मुस्लिम प्रिवलेज । अब धीरे धीरे यह प्रिवलेज फिर से पूरे देश में पांव पसार चुका है ।

ईडी का आक्रमण मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ माहौल बनाने के प्रयास:डा.राकेश गुप्ता

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के नेता छवि और प्रशासनिक क्षमता के कारण उनका तोड़ नहीं निकाल पा रहे हैं.., आईटी और ईडी की कार्यवाही की पृष्ठभूमि में यह बात तथ्यात्मक रूप से सच है।

प्रसिद्धि ही यदि पैमाना है, तो क्या दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद को भी नमन करना चाहिए?

और तो और, आजकल उर्फी जावेद जितनी प्रसिद्ध है, उतने प्रसिद्ध तो जावेद अख्तर भी नहीं हैं। तो क्या किया जाए? शर्मनाक! अत्यंत शर्मनाक!!

क्या मनुष्य के सबसे सुंदर अंग उसके पांव ही होते हैं?

स्त्री नख से शिख तक सुन्दर होती है, पुरुष नहीं। पुरुष का सौंदर्य उसके चेहरे पर तब उभरता है जब वह अपने साहस के बल पर विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल कर लेता है।

जेएनयू से ब्राह्मणों के विरोध में उठा सुर एक विमर्श के रूप में क्यो स्थापित हो गया है…

ब्राह्मण का विरोध ब्राह्मणों की एक परीक्षा की तरह भी तो है। बौद्धिकता पर कब्जा है तो इसमें बिना आवेशित हुए सफल होना पड़ेगा। शस्त्र उठाए बिना जीतना पड़ेगा। समाज का संरक्षण करना पड़ेगा।…