‘अटल टनल’ के उद्घाटन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया आभार व्यक्त
पॉजिटिव इंडिया : दिल्ली ,4 अक्टूबर 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘अटल टनल’ केउद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभारव्यक्त किया और इसे इंजीनियरिंग का एक चमत्कारबताया। ट्वीट में श्री शाह ने कहा कि “आज कादिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्वप्न मोदी सरकार ने पूरा किया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को इसअभूतपूर्व परियोजना पर निरंतर काम कर इसे पूर्ण करनेपर बधाई”।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “दुनिया की सबसे लंबी हाइवेसुरंग ‘अटल टनल’ से लेह और मनाली के बीच की यात्राका समय 4-5 घंटे कम हो जाएगा। यह एक ऑल वेदर टनल है जिससे लाहौल-स्पीति अब पूरे साल देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा रहेगा। पहले यह हिस्सा कई महीनों तकदेश के अन्य क्षेत्रों से कटा रहता था”।
श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि “अटल टनल पूरे क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित होगी, जिससे अब लोंगो की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, व्यापार अवसरों तथा आवश्यक वस्तुओं तक सुगम पहुँच होगी। अटल टनल सेदेश की रक्षा क्षमताओं को बल मिलेगा और पर्यटन क्षेत्रको बढ़ावा मिलने से रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न होंगे”।
अटल टनल 9.02 किलोमीटर लंबी है। यह टनलहिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल(एमएसएल) से 3000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाईपर अति-आधुनिक विनिर्देशों के साथ बनाई गई है। अटलटनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति केसाथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायातघनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। यह टनल सेमीट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीएनियंत्रितअग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्त है।
रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक टनल का निर्माणकरने का ऐतिहासिक निर्णय 3 जून, 2000 को लिया गयाथा जब स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।टनल के दक्षिण पोर्टल की पहुंच रोड़ की आधारशिला 26 मई, 2002 रखी गई थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडलकी 24 दिसम्बर 2019 को हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्रीश्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान कोसम्मान प्रदान करने के लिए रोहतांग टनल का नाम अटलटनल रखने का निर्णय लिया गया था।