www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

एसईआरबी महिला उत्कृष्टता पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक के शोध कार्य में संक्रामक रोगो में प्रतिरोध मुक्त झिल्ली केन्द्रित दवाओं की खोज की क्षमता

laxmi narayan hospital 2025 ad

positive India: Delhi, 22 March2021.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. शोभना कपूर ने आणविक स्तर पर संक्रामक रोगों में लिपिड्स की भूमिकाओं का अध्ययन किया है और इसके लिए उन्हें एसईआरबी महिला उत्कृष्टता अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया है। उनके शोध में प्रतिरोध मुक्त झिल्ली केन्द्रित दवाओं की खोज की जबरदस्त क्षमता है लिपिड हाइड्रोकार्बन युक्त ऐसे अणु होते है जो जीवित कोशिकाओं की संरचना और उनकी कार्यप्रणाली में अहम भूमिका निभाते है। लिपिड् के उदाहरणों में वसा, तेल, मोम, कुछ विटामिन (ए, डी, ई, और के), हार्मोन और ऐसी अधिकांश कोशिका झिल्लियां है जिनमें प्रोटीन नही पाया जाता है।
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से स्थापित यह पुरस्कार विज्ञान और इंजीनियरिंग के अग्रणी क्षेत्र में युवा महिला वैज्ञानिकों की उत्कृष्ट शोध उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है और उनके कार्यों के लिए सम्मानित भी करता है।
भौतिक और जीव विज्ञान के संगम क्षेत्र में डॉ. शोभना कपूर का शोध कार्य लिपिड रसायनिक टूल्स के विकास को प्रोत्साहित करता है। जो झिल्लियों की संरचना और कार्यप्रणाली में मूलभूत समस्याओं में मददगार साबित हो सकता है।
टीबी के कारक जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकोसिस और विषाणु SARV-COV-2 जो कोविड-19 के कारक है, वे दूसरे जीवों में संक्रमण के दौरान अपनी झिल्लियों में लिपिड का इस्तेमाल कुछ प्रक्रियाओं को बदलने और दवाओं का असर कम करने में करते है। ये परिणाम संक्रमण निरोधक नई रणनीतियों को विकसित करने में मददगार हो सकते है। क्योंकि ये शोध झिल्लियों की संरचना और कार्यप्रणाली पर होने वाले प्रभाव पर आधारित है और इनकी अब तक व्यापक तौर जांच नही की गई है तथा यही डॉ. शोभना के शोध प्रमुख विषय है।
हाल ही में SARV-COV-2 महामारी ने इस विषाणु और भविष्य में विषाणुओं और जीवाणुओं से फैलने वाली महामारियों की आशंका के देखते हुए प्रभावी और संक्रमण निरोधक पद्धतियों को विकसित करने पर काफी जोर दिया है।
डॉ. शोभना कपूर के समूह ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकोसिस से संरचनात्मक रूप से प्राप्त विविध रोगजनक लिपिड का इस्तेमाल करते हुए मेजबान लिपिड झिल्ली की संरचना में बदलाव और झिल्ली से जुडी सिग्नालिंग प्रणाली में होने वाले उतार-चढ़ाव के सह संबंधो की जांच की है। उनके शोध कार्य में मेजबान कोशिकाओं के झिल्ली सम्मिलन और कोशिका स्तर पर प्रतिरक्षा प्रक्रियाओं में बदलाव की पुष्टि की है और इससे पहले इस प्रकार की लिपिड कार्यप्रणाली के बारे में कोई व्यापक जानकारी नही थी। उनके शोध के नतीजे माइकोबैक्टीरिया और अन्य संक्रामक कारकों के खिलाफ लिपिड केन्द्रित उपचारात्मक पद्धतियों को विकसित करने की नई राह दिखाते है। डॉ. शोभना अपने शोध कार्य को विषाणुओं और जीवाणुओं की झिल्लियों पर दवाओं के प्रभाव और झिल्ली केन्द्रित नई दवाओं को विकसित करने की दिशा में मान्यता देती है।
अधिक जानकारी के लिए डॉ. शोभना कपूर से (kapoor shobhna@yahoo.co.in) पर संपर्क किया जा सकता है

Leave A Reply

Your email address will not be published.