अनुच्छेद 370 को मंजूरी देना एक गलती थी और उसे नासूर बनने देना उससे भी बड़ी गलती थी: हरीश साल्वे
कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है।
Positive India:(भाषा):
लंदन, तीन अक्टूबर: जाने-माने अधिवक्ता हरीश साल्वे ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को मंजूरी देना एक गलती थी और उसे नासूर बनने देना उससे भी बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जटिल समस्या का निर्णायक समाधान किया है।
सरकार के इस कदम पर पाकिस्तान की ओर से आई प्रतिक्रिया को साल्वे ने ‘‘ पूरा दिवालियापन’’ बताया। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है जहां उनलोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है।
जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
भारत के फैसले से तिलमिलाए पाक ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था और राजनयिक संबंधों का दर्जा घटा दिया था।
भारत सरकार के पांच अगस्त को लिए गए इस फैसले के बाद से पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है लेकिन नयी दिल्ली ने स्पष्ट कर दिया है कि यह उसका आंतरिक मामला है।
साल्वे ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का ही हिस्सा है, वे (पाकिस्तान) वहां अवैध कब्जा किये हुए हैं। (क्षेत्र में) अगर कोई विवादित क्षेत्र है तो वह पीओके है। भारत का संविधान ही नहीं बल्कि कश्मीर का संविधान भी यही कहता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कुछ पाकिस्तानियों के मन मस्तिष्क को छोड़कर इस बात को लेकर कहीं कोई संदेह नहीं है कि कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है।’’
साल्वे ने खुद को अनुच्छेद 370 खत्म करने का पक्षधर बताते हुए कहा कि वह तो लंबे समय से इसकी वकालत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इसे मंजूरी देना एक गलती थी और इसे नासूर बनने देना उससे भी कहीं अधिक बड़ी गलती थी। कभी-कभी आपको किसी जटिल समस्या को जड़ से खत्म कर देना होता है और सरकार ने यही किया है। इसका एक ही तरीका था- एक बार में खत्म कर देना।’’
साल्वे ने कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कहना बेकार की बात है क्योंकि 370 का मामूली जिक्र भी बहुत कटु तथा उग्र आलोचना के लिए रास्ता बना देता। भारत ने जो किया है वह सही किया है।’’
साल्वे ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। कश्मीर मुद्दे पर कानूनी चुनौती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ अगर कहीं कुछ गलत हुआ है तो उच्चतम न्यायालय इस बारे में सुनेगा और फैसला लेगा। लेकिन पाकिस्तान इसे जिस तरह से पेश कर रहा है उससे उसका मानसिक दिवालियापन झलकता है। ’’
रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने हैदराबाद के निजाम के धन से जुड़े एक मुकदमे में भारत सरकार के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह मुकदमा भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा था।
साल्वे इस मामले को देख रहे विधिक दल का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन की अदालत के इस फैसले से पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लंबे समय से बने रुख को महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।