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अर्जेंटीना ने फुटबॉल का वर्ल्ड कप अपनी मुट्ठी में ले लिया और एक हम हैं कि एक मच्छर को अपनी मुट्ठी में नहीं ले पा रहे हैं

'राही' के व्यंग्य बाण (लघु)

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Positive India:Rajesh Jain Rahi:
अर्जेंटीना ने फुटबॉल का वर्ल्ड कप अपनी मुट्ठी में ले लिया, पूरा यूरोप ताकता रह गया और एक हम हैं कि एक मच्छर को अपनी मुट्ठी में नहीं ले पा रहे हैं।
मच्छरों का प्रकोप इन दिनों बहुत बढ़ा हुआ है इसमें नगर निगम की कोई गलती नहीं है। इसमें हमारी मुट्ठियों की गलती है जो इन्हें कैद नहीं कर पा रही है।
मच्छर कहाँ नहीं है और क्यों न ?
आवारा कुत्तों को भी जीने का हक है और फिर मच्छर तो आवारा भी नहीं है। कितनों का पेट पाल रहे हैं, मच्छर मार दवाई बनाने वालों का, मच्छरदानी बनाने वालों का।
किसी सिरफिरे ने नगर निगम आयुक्त से शिकायत कर दी- महोदय, शहर में मच्छर बहुत बढ़ गए हैं कुछ कीजिए, आयुक्त ने कहा- मच्छर नहीं बढ़े हैं, शहर में प्रदूषण नहीं है तो हमारी देखने की शक्ति में वृद्धि हुई है। आपको मच्छर साफ दिख रहे हैं इसका श्रेय नगर निगम को जाता है। उस व्यक्ति ने अपने शरीर का मच्छरों द्वारा लाल किया हुआ हिस्सा आयुक्त को दिखाया और कहा देखिए पूरी खाल लाल हो गई है। आयुक्त ने कहा- आपकी खाल ही पतली है मच्छरों को छोड़िए, अपनी खाल मोटी कीजिए। हमें तो नहीं काटते हैं मच्छर। हमारी खाल आपकी तरह पतली नहीं है। मच्छरों को न तो आप दाना देते हैं, न रोटी, न पानी फिर भी वह अपनी जीवटता से जीवित हैं। हमें उनकी जीवटता से सीखना चाहिए और आप हैं कि हाथ धोकर उन्हें मारने में लगे हैं

साभार: राजेश जैन ‘राही’-(ये लेखक के अपने विचार है)

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