पॉजिटिव इंडिया: राजेश जैन राही:
आपके मोबाइल पे, कॉल आया अजनबी,
नंबर कहाँ से मिला, सोचने की बात है।
आधे में जमीन मिले, पौने में मकान मिले,
फँसने की आपकी ये, हुई शुरुआत है।
तीन दिन, चार रात, होटल में रुको मुफ्त,
साला नहीं आपका ये, करे कोई घात है।
झाँसे में न आना कभी, लकी ड्रॉ को देखकर,
चाँदनी है थोड़ी और, आगे काली रात है।
लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर