Positive India:Gajendra Sahu:
भारत के लिए कल का दिन राजनीतिक,भौगलिक, सामाजिक और एतिहासिक दृष्टि से अलग दिन रहा । 70 साल पुराने अनुच्छेद 370 को हटाने का फ़ैसला किया गया । कल का दिन कई मायनो में स्वतंत्रता दिवस की भाँति ही था । कल भारत के कई जगह पर पटाखे फोड़े गए , मिठाइयाँ बाँटी गई , और देशभर में ख़ुशियाँ बाँटी गई । अनुच्छेद 370 को ख़त्म करना कोई आसान काम नहीं था, शायद यही कारण था कि इसे ख़त्म होने में 70 सालों का लम्बा समय लग गया । पर आज बात अनुच्छेद पर नहीं बल्कि उसकी वजह से उठ रहे मनुच्छेद पर करते है।
मेरा यहाँ मनुच्छेद से तात्पर्य दिमाग़ में उठ रही गंदी सोच की उपज से है । कल से ही देखने को मिल रहा है कि कई तरह के जोक मैदान में आ चुके है । किसी को वहाँ प्लॉट ख़रीदना है तो किसी को वहाँ की लड़की से शादी करना है , कभी महबुबा पर मीम तो कभी नरेंद्र मोदी पर मीम । कर क्या रहे हो तुम लोग? भारत देश के युवाओ के पास कितने तर्कशक्ति का भंडार है, इन सब मौक़ों पर ज़रूर देखने मिलता है । भारत में कोई घटना घटी नहीं कि इनकी घटियापन्ती शुरू हो जाती है ।
उदाहरण के लिए भारत और औस्ट्रलिया का मैच चल रहा हो और मैच भारतीय कप्तान की धर्मपत्नी अनुष्का शर्मा देखने आइ हो ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ लोगों द्वारा मैच के नतीजे आने से पहले जोक और घटिया बातों का उपन्यास तैयार हो जाता है । बस अब डिपेंड करता है कि भारत मैच हारेगा या जीतेगा । उस हिसाब से जोक को फैलाया जाता है ।
यदि भारत की जीत हुई तो ।
१. कप्तान कोहली बीवी के डर से जीते
२. भाभी जी के कारण हुई जीत
३. औस्ट्रलिया देख रहे है भारत के तेवर
रन बना रहे है अनुष्का के देवर
यदि भारत हार जाए तो
१. अनुष्का की फ़िल्मों की तरह मैच भी फ़्लॉप
२. अनुष्का के डर से कोहली जल्द लौटे पवेलियन
३. भारत देख रहे है औस्ट्रलिया के तेवर
मैच हार गए अनुष्का के देवर ।
अबे कौन हो तुम लोग ???कहाँ से आते हो ???और क्यूँ बनाते हो ???
कितनी घटिया मानसिकता छुपी हुई होती है ऐसे जोक में, जिसे हम हँस कर फ़ोर्वोर्ड कर देते है । कभी सोच कर देखिए अनजाने में ही सही हम भी उसके घटिया सोच के भागीदार बन जाते है ।
कल जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी कुछ बुद्धि जीवों के ऐसे जोक आए ।
जिन्हें ढंग से जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 का ठीक से ज्ञान तक नहीं कल वह संविधान का पाठ पढ़ा रहे है ।
जो लोग अपनी गाड़ी में ५० रुपए के पेट्रोल डलवाने के बाद ये सोचते है कि अब कितना दिन चलेगा उन्हें भी जम्मू-कश्मीर में प्लॉट चाहिए । और अब सबसे घटिया सोच जो लोगों की महिलाओं के प्रति है । जिन लड़को से उनके मोहल्ले की लड़की भी बात नहीं करती वो भी कश्मीरी लड़कियों से शादी करने को तैयार हो चुका है । इससे भी सबसे घटिया एक पोस्ट देखा जिसमें लिखा था आशाराम जी कह रहे है कि इस सोमवार 370 हटाया अगले सोमवार को 376 भी हटा दो । ये व्यक्ति मुझे तो बिलकुल मानव की संतान सा प्रतीत नहीं होता या इसकी कोई बहन ही नहीं है ।
लोग जोक और मज़ाक़ की बातें बनाते बनाते कब ख़ुद ही घटिया क़िस्म के इंसान बन जाते है, ये उन्हें पता ही नहीं चलता । जिस माँ की साल भर पूजा करते है अक्सर उसे ही गालियों में रखते है । किसी के माँ- बहन के लिए गंदा जोक बनाकर और गंदे शब्द बोलकर अपनी माँ-बहन के साथ कैसे आँख मिला लेते हो बे ज़रा ये बताओ ?? और किसने तुम्हें ये अधिकार दिया ??? मैंने सविधान देखा है, पढ़ा है पर वहाँ इस प्रकार के अधिकार का वर्णन तो बिलकुल नही है । या तुम लोग के पास भी कश्मीर की तरह अलग सविधान है।
कभी ठंडे दिमाग़ से सोचिए जोक और मज़ाक़ उतना ही करे जीतना आप अपने ऊपर सह सके , और जिससे किसी का दिल ना दुखे ।
अनुच्छेद 370 से आज़ादी तो मिल गई पर इन बद्धिजीव लोगों के मनुच्छेद से न जाने कब आज़ादी मिलेगी??
लेखक:गजेन्द्र साहू(ये लेखक के अपने विचार हैं)