Positive India:दीपावली के पावन अवसर पर भाजपा के विपक्ष और पक्ष में होने से आए हुए बदलावो का सटीक विश्लेषण प्रस्तुत है।
भाजपा जब विपक्ष में थी, तब
1.नवबौद्ध और दलितविचारसरणीय के लोग हर साल दीपावली को अपना पर्व बताते और महाराष्ट्र में किसी एक जगह लाखों की संख्या में एकत्रित होकर हिंदुओं को चोर कहते।
2.राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर के लोग देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दूरदर्शन के माध्यम से देते।
3.टीवी पर दीपावली 30 सेकेंड की एक ख़बर होती।
4.मार्क्सवादी बुद्धिजीवी दीपावली सहित दूसरे हिन्दू पर्वों का मज़ाक उड़ाते।
5.पाकिस्तान सीमा पर गोलाबारी करता और भारत के सैनिक मरते, शाम को न्यूज़ में हमें यह ख़बर भी मिलती और साथ ही यह भी कि भारत सरकार ने घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तान को सम्भलने की चेतावनी दी है।
6.चीन भारत को आंखें दिखाता, अरब आदि देशों में हिन्दू पर्वों की कोई ख़बर, कोई भनक न होती।
भाजपा के सत्ता में आने के बाद:
1.दलित विचारसरणीय सहित कट्टर दलित भी चुप हैं और ज़मीन पर दलित जनता माथे पर भगवा साफा बांधे ‘जय श्रीराम’ कहती फिर रही है और घर-घर दीप जल रहे हैं, खुशियां मन रही हैं, दीपोत्सव हो रहा है।
2.भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री युध्दस्तर पर दीपावली मना रहे हैं, ऐसे जैसे यह राष्ट्रीय पर्व हो।
3.टीवी पर दीपावली के अतिरिक्त कोई ख़बर ही नहीं है। हर चैनल तरह-तरह से आज के दिन को सेलिब्रेट कर रहा है।
4.मार्क्सवादी तक दीप जलाकर फोटो पोस्ट कर रहे हैं।
5.पाकिस्तान की तरफ से एक गोली चली और इधर से ऐसा हुआ कि उनके 8 सैनिक मारे, 12 घायल हुए और न जाने कितने बंकर्स उड़ाए गए।
6.चीन भारत से समझौते के लिए तड़प रहा है। अरब में किसी राष्ट्रीय पर्व सा आज का दिन मनाया जा रहा है।
यही नहीं योरोप, अमेरिका के नेता तक ‘जैसे श्रीराम ने रावण का वध कर दीपावली मनाई, हम भी वैसे ही कोरोना का वध करेंगे’ कह रहे हैं। एक ईसाई देश के ईसाई राष्ट्र प्रमुख का ऐसा कहना कोई छोटी घटना नहीं है।
कहने का आशय है कि भाजपा को कम-से-कम 2044 तक सत्ता में रहने दीजिए, दुनिया हिन्दूमय हो जाएगी।
अधर्म पर धर्म की विजय के, अंधकार पर प्रकाश की विजय के, असत्य पर सत्य की विजय के- इस पर्व की आप सबको ढेरों शुभकामनाएं…..
साभार:आदित्य कुमार गिरी-एफबी वाया सुजीत तिवारी(ये लेखक के अपने विचार हैं)