Positive India:Suresh Mistry:
उन्हें सारी धरती को “हरा” करना है इस नापाक मकसद के लिए उन्हें कम्युनिस्ट नास्तिक चीन के ज़रूरत है….
इस लिए चीन चाहे मानव अधिकारों के दिनदहाड़े बारात/जनाजे निकाले…. उइगर चीनी मुस्लिमो पर…चाहें उइगर प्रान्त की मस्जिदों को सार्वजनिक शौचालय बना दे…पर पूरी छप्पन देश के कोई अमन पसंद चीन के ख़िलाफ़ विरोध तो छोड़िये एक हर्फ़ नही कहेगा…
बाक़ी फ्रांस जैसे सूपर पॉवर को भी वह मुम्बई भोपाल से आंदोलन दिखाते है…वह तो अभी केंद्र में एक विशेषज्ञ बैठा है वरना इनका फ्रांस के खिलाफ विरोध कितना उग्र होता यह मुंबई भोपाल और पूरा देश जनता है….
चीन को वैश्विक कैपिटलिस्ट शक्तियों से लड़ने और अपनी विस्तारवादी साम्रज्य शाही अवधारणा के एक छद्म शाश्त्र के रूप में इस्लामिक आतंकवाद को भुनाने का साधन माफिक आ चुका है….बस भारत सहित विश्व के हर गैर इस्लामिक देश के विरूद्ध वह अमन पसंदों की इस ज़ाहिल बर्बर मूढ़ फौज का परोक्ष प्रत्यक्ष समर्थन भरपूर हर मंच हर मौके देता आया है…
बस अपना खुद की धरती पर वह इन्हें कोढ़ के कीटाणु समझ कर ही व्यबहार करता है पर मजाल हैं कोई मुल्ला जी को यह दिन पर ज़ुल्म दिख भी जाये…?
पहले यह दोनों वैश्विक एकाधिकार में भागीदारी वाली सहयोगी लड़ाई में एक दूसरे के पूरक बन गए है और आगे भविष्य में फ़िर एक दूसरे से निपट लेंगे वाले फॉर्मूले पर चल रहे है शायद…
वरना चरम नास्तिकता और चरम कट्टर मजहबी उन्माद की यह गठबंधन सम्भव कैसे हो सकता है…?
खैर… हिंदू यह सब समझ कर भी आज तक किसी एक राष्ट्रीय नीति और नेतृत्व पर भी अभी तक शत प्रतिशत सहमत नहीं हो रहा यह दुखद विडंबना है…
बाकी दुनिया के अन्य देश अब खुल कर एक दिशा एक पक्ष चुनकर कड़े मुक़ाबले का मन बना रहे है दोनों ही कोरानिक और कोरोना वायरसों का
लेखक:🖊️सुरेश(एफबी-ये लेखक के अपने विचार हैं)