मुश्किलात की इस घड़ी मे राष्ट्रीय कर्तव्य निभाते कुछ मुस्लिम चेहरे
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
देश कुछ समय से काफी मुश्किलात मे है । यह कहा जा सकता है कि ये सब सुनियोजित तरीके से किया गया है । जब से सीएए का बिल पास हुआ है तबसे इसको मोदीजी के खिलाफ हथियार ही बना लिया गया । फिर सौ दिन तक आम रास्ते को रोककर शाहीन बाग का तथाकथित आंदोलन खड़ा किया गया है । जिसमे विपक्ष ने भी इसमे सहयोग कर हवन मे घी डालने से नही चूंके । दुर्भाग्य से दिल्ली दंगा भी कुछ आशंकाओ को जन्म देता है । बस ट्रंप के आने का इंतजार था ।
पर इस सबके बीच मे राष्ट्रवादी मुस्लिम तबका, जिसने इन मुसीबतो के समय अपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभाया और सरकार और मोदीजी के समर्थन मे खुलकर खड़े होकर, देश हित मे न्यायोचित निर्णय लिया । इसके लिए उन्हे काफी धर्मनिरपेक्षता के झंडाबरदारो का रोष भी सहना पड़ा । पर वो अपने निर्णय मे अडिग रहे । यही कारण है स्व. राजीव गांधी के समय सुप्रीमकोर्ट ने जब शाहबानो केस मे उनके हक मे फैसला दिया, तब राजीव गांधी ने दबाव मे आकर उस फैसले को संसद मे पलट दिया । उस समय आरिफ मोहम्मद खान ने काबीना मंत्री होने के बावजूद पद का लालच छोड उन्होंने मंत्रीमंडल से त्यागपत्र दे दिया ।
आज इस बात की खुशी है कि ये लोग कम है, पर इनकी आवाज मे मजबूती है । यही कारण है जब यह लोग टीवी बहस मे आते है, तो मजबूती से अपनी बात रखते है । इनमे वसीम रिजवी, भाजपा नेता शाजिया इल्मी, शाहनवाज हुसैन, मुख्तार अब्बास नकवी, मोहसिन रजा ऐसे नाम है जो राष्ट्र हित की बात करते है । वही निघत अब्बास, शुबही खान ऐसे चेहरे है जो देश के लिए एक नई उम्मीद की किरण बन रहे है ।
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व.अब्दुल कलाम के बाद केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान साहब उनकी जगह को भर रहे है । खान साहब बहुत बड़े विद्वान व विचारक है । उसी तरह एक नाम शहजाद पूनावाला भी अपनी राष्ट्रीय विचारधारा को काफी मजबूती से रखते है । एडवोकेट सैय्यद रिजवान अहमद, चाहे कानूनी हो, सामाजिक हो या फिर राजनीतिक, काफी गंभीरता से अपनी बात को देश के सामने रखते है। कल एक और मुस्लिम युवा चेहरा कोरोना के जागृति के रिपबलिक टीवी मे आया उसका नाम याद नही आ रहा है, पर उसने प्रभावशाली ढंग से इस बिमारी के बढते कदम पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को सहयोग देने की बात की । निश्चित ही, इन लोगो को समय जरूर लगेगा, पर एक बात जरूर है इन लोगो ने आशा की किरण की लौ को प्रज्ज्वलित कर दिया है । ये लोग अपने मिशन मे कामयाब हो, इसी उम्मीद पर ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)