कोरोना कहर के बीच पूर्व राज्यपाल ने विदेश से आए बेटे को लौटाया
Ex-Governor takes extraordinary steps, sends back his son to USA amid COVID-19
Positive India:प्रयागराज:
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के दौरान अपने-अपने घरों को लौटने की आपाधापी में लॉक डाउन में पैदल ही सैकड़ों मील की दूरी तय करने वालों के लिए यह वाकया प्रेरणादायक है। सरकार की अपील ‘जो जहां है, वहीं रहें’ के बाद भी लोग बाहर के शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं। ऐसे में पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह की पहल सच में तारीफे काबिल है ।
शहर में मिशन रोड निवासी गुजरात और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह ने अपने बड़े बेटे अरुण प्रताप सिंह तथा उनके स्वजनों को घर आने से रोक दिया। दरअसल विदेश से आने वाले लोगों से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे में पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह का बेटा अरुण, जो अमेरिका में नॉर्थ कोईराना स्टेट के रोली शहर में रहता है , अपनी पत्नी जया सिंह, बेटे सिद्धार्थ और बेटी अनु सिंह के साथ अपनी बीमार मां को देखने के लिए प्रयागराज आने वाला था। अरुण अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है, जबकि उनकी पत्नी जया सिंह वहीं के कॉलेज में पढ़ाती हैं। अरुण की मां चंद्रावती देवी कई दिनों से बीमार चल रही थी, इसलिए अरुण मां को देखना चाहते थे । अरुण सपरिवार 12 मार्च को चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे। मुंबई से प्रयागराज के लिए 14 मार्च को फ्लाइट थी ।अरुण ने चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जब पिता से संपर्क किया,तो उन्हें पिता की ओर से आदेश मिला कि वापस अमेरिका लौट जाओ । तब मां से वीडियो कॉलिंग पर बात करने के बाद उनसे मिलने की आस लिए हुए पिता के आदेश को सिर माथे लेकर अरुण परिवार के साथ लौटने की तैयारी में लग गए । उनका दिल्ली से वापसी का टिकट 20 मार्च का था। पिता के आदेश के बाद 14 मार्च को मुंबई में अपनी तथा परिवार की चिकित्सकीय जांच करवाकर अरुण दिल्ली रवाना हुए और 3 दिन रहने के बाद 20 मार्च को अमेरिका वापस लौट गए ।
अमेरिका पहुंचकर अरुण ने पिता से बातचीत की ,साथ ही कोरोना के कारण भारत से लेकर अमेरिका तक बढ़ती जा रही सावधानियों पर चर्चा भी की। अपना और परिवार के अन्य सदस्यों का हाल बताया। अरुण की बहन साधना भी अमेरिका के लॉस एंजेल्स शहर में रहती हैं और वहीं बैंक में अफसर है। अत: पिता ने अरुण से बहन का भी हाल-चाल लेने के लिए कहा।
संवाददाता: विनीत दूबे-एडवोकेट-इलाहाबाद हाईकोर्ट