पॉजिटिव इंडिया:वाशिंगटन, 3 नवंबर 2019.
(भाषा) अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर चिंतित है, खासतौर पर आतंकवादियों की भर्ती और लोगों को कट्टर बनाने में सोशल मीडिया एवं व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप के इस्तेमाल से।
व्हाट्सऐप के जरिये जासूसी का खुलासा होने के बाद वर्ष 2018 के लिए आतंकवाद पर संबंधित देशों की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश विभाग ने यह बात कही। रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई है।
फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने गुरुवार को कहा था कि वैश्विक स्तर पर इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ से जिनकी जासूसी की गई उनमें भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के भारत संबंधी अध्याय में कहा गया, ‘‘भारत सरकार के अधिकारी इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर लगातार चिंतित हैं। खासतौर पर सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप के जरिये आतंकवादियों की भर्ती एवं कट्टर बनाने में और धर्मों के बीच तनाव भड़काने के मामलों को लेकर।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के गृह सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आतंकवादियों की ऑनलाइन भर्ती एवं कट्टर बनाने की प्रक्रिया को रोकने के लिए वैश्विक सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
विदेश विभाग ने कहा कि दक्षिण भारत में ऑनलाइन माध्यम से आतंकवादियों को कट्टर बनाने की खबरें पूरे साल आती रही। ऐसी भी खबर है कि आतंकवादी संगठनों में भर्ती कुछ युवक अफगानिस्तान स्थित इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के लिए भेजे गए।
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों, जनजातीय एवं माओवादी उग्रवादियों के हमले जारी रहेंगे। वर्ष 2018 में आतंकवाद से सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर प्रभावित रहा जबकि पूर्वोत्तर के राज्य और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में माओवादी सक्रिय रहे। भारत अपनी सीमा में आतंकवादी संगठनों की पहचान कर उनका खात्मा कर दबाव बनाए रखेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नेतृत्व ने अमेरिका और अन्य समान विचार वाले देशों के साथ मिलकर आतंकवादियों के हमलों को रोकने और दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की इच्छा जताई है।