अबागढ चौकी थाना क्षेत्र के ग्राम दनगढ निवासी एक किसान को मोहला थाने में मवेशी तस्कर बनाकर जेल भेज दिया गया। पशु तस्करी व पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दर्ज मामले मे जप्त 3 भैंस को पुलिस ने पंजीकृत गौशाला भेजने के बजाय प्राइवेट डेयरी के हवाले कर दिया ,आरोप लग रहे हैं कि जप्त भैंसों को पुलिस ने मोहला के होटल व्यवसाई डेयरी मालिक को बेच दी।
ग्राम दनगढ़ निवासी किसान यशपाल साहू पिता सहदेव उम्र 40 वर्ष ने बताया कि दूध के व्यवसाय के लिए उसके द्वारा बालोद जिला के गुंडरदेही क्षेत्र से 3 भैंस खरीद कर अपने गांव लौट रहा था इसी दौरान कुछ लोगों के साथ मिलकर मोहला पुलिस ने दुग्गाटोला गांव में किसान को रोकते हुए थाना ले आए जहां पर मवेशी तस्करी का आरोप लगाते हुए पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करते हुए उसे जेल भेज दिया गया। मवेशी तस्करी के आरोपों को लेकर जेल गया किसान किसी तरह जमानत पर रिहा तो हो गया परंतु उसके जप्त तीन भैंसों को मोहला पुलिस ने पंजीकृत गौशाला के सुपुर्द करने के बजाए स्थानीय होटल व्यवसाई व डेयरी संचालक को नियमों के विपरीत सौंप दिया।
विषेश:
1.किसान का आरोप पुलिस ने बेच दी भैंस-किसान यशपाल साहू का आरोप है कि पशु तस्करी का झूठा मुकदमा बनाकर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया और इधर उसके तीन जप्त भैंसों को मोहला के होटल व्यवसाई व डेयरी संचालक को बेच दी।
2.4 महीने से जप्त भैंस डेयरी में कैद-एक तरफ किसान पशु तस्करी का दाग लिए कानूनी पचड़े में है दूसरी तरफ उसकी 3: भैसे 10 अक्टूबर से मोहला के प्राइवेट यादव डेयरी में नियमों के विपरीत कैद हैं।
3.रसीद होने के बावजूद बनाया मवेशी तस्कर-
हरिभूमि के पड़ताल में पता चला कि संबंधित किसान बालोद जिला के गुंडरदेही तहसील के ग्राम परसउद से ₹75,हजार मूल्य में 3 गर्भवती भैंस खरीदा जो अब बच्चे दे चुकि हैं और बच्चे सहित भैंस डेरी में मौजूद है।
4.पंजीकृत गौशाला में सौंपा जाना था-किसान के वकील कादिर सिद्दीकी ने वक्तव्य देते हुए बताया कि नियंता जप्त भैंसों को पंजीकृत गौशाला के सुपुर्द करना था परंतु मोहला पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
-एनिशपुरी गोस्वामी की रिपोर्ट-