ईविवि ने प्रोफेसर शाहिद को किया निलंबित। पासपोर्ट हुआ जप्त
Prof:Dr.Shahid is accused of hiding foreigners Jamaati in mosque.
Positive India:प्रयागराज;25 अप्रैल 2020:
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए किए गए व्यापक लॉकडाउन के तहत जहां सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं और यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी इस खतरनाक वायरस का अस्तित्व समूचे विश्व से नष्ट हो जाए और एक बार फिर से जिंदगी पटरी पर आ जाए । वहीं कुछ लोग इस परिस्थिति में भी अपनी धर्मांधता और कट्टरता का प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हट रहे । ऐसे ही एक धार्मिक उन्माद के कारण लगभग नियंत्रित कोरोना केसेस में अचानक बढ़ोतरी होने लगी । निजामुद्दीन मरकज से लौटे जमातियों को ढूंढ-ढूंढ कर क्वॉरेंटीन किया जा रहा था । ऐसे में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजनीति विभाग के प्रोफेसर डॉ शाहिद ने विदेशी जमातियों को काटजू रोड स्थित शेख अब्दुल्लाह मस्जिद में कई दिनों तक छिपाकर रखा । जिसके कारण प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया गया । प्रोफेसर के जेल जाते ही ईविवि प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया । प्रोफेसर का निलंबन 21 अप्रैल से प्रभावी हो चुका है । निजामुद्दीन की मरकज में तब्लीगी जमात से हिस्सा लेकर बिहार के गया जा रहे विदेशी जमातियों को वीजा नियमों का उल्लंघन कर प्रयागराज में गैर-कानूनी तरीके से शरण दिलाने के आरोप में प्रोफेसर शाहिद को 16 विदेशी जमातियों के साथ शहर की गौहनिया स्थित अस्थाई जेल में रखा गया है । प्रोफेसर पर महामारी अधिनियम 1897 ,धारा 03 तथा विदेशियों विषयक अधिनियम 1946, धारा 14 /14 सी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रोफेसर शाहिद को निलंबन अवधि के दौरान सरकारी वित्तीय नियमानुसार एवं विश्वविद्यालय नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलता
रहेगा।
संवाददाता:विनीत दूबे-एडवोकेट,इलाहाबाद हाईकोर्ट।