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अकबर भाई के खास,कब तक रहेंगे वन विभाग के बॉस

-देवेंद्र गुप्ता की कलम से-

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Positive India: Devendra Gupta:
छत्तीसगढ़ के जंगल विभाग में…🌳
कब तक मंगल मनाते रहेंगे श्रीनिवास राव?
राज्यों में यह परंपरा रही है कि जब भी कोई नई सरकार बनती है तो वह पुरानी सरकार के विश्वस्त तथा आरोपों से घिरे अफसरों को हटाकर नए अफसरों की तैनाती करती है। ऐसा जरूरी भी है। क्योंकि जनता में भी एक बदलाव का अच्छा संदेश जाता है।
परंतु हमारे छत्तीसगढ़ राज्य में विष्णु देव साय जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में नित नए नए प्रयोग देखने को मिल रहे है। यह प्रयोग भाजपा की कथनी और करनी पर ही सवाल खड़े करती है।

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विपक्ष में रहने के दौरान भाजपा ने जिन-जिन अफसरो पर भ्रष्टाचार के और कांग्रेसियों को नियम कायदों को ताक में रखकर मदद करने के आरोप लगाए थे आज उन्हीं अफसरों को सिर पर ऐसे बिठाया गया है मानों कुछ हुआ ही न हो। इससे यह संदेश जा रहा है कि भाजपा ने विपक्ष के दौरान जितने आरोप अफसरों पर लगाए और प्रमाण प्रस्तुत किए वे अब भूल चुके है।

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ऐसे ही आरोपों से घिरे है प्रदेश के वन विभाग के मुखिया(PCCF) वी.श्रीनिवास राव जी। कांग्रेस सरकार के दौरान वन मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ मिलकर केंद्र से मिले की कैंपा मद के हजारों करोड़ राशि को भ्रष्टाचार के भेट चढ़ाने का गंभीर आरोप उन पर है। वनों को सुरक्षित रखने और वनवासी हितों की रक्षा करने के उपयोग में लाई जाने वाली राशि में भ्रष्टाचार कर ऊपर के पैसों से सुदूर वन क्षेत्रों में अवैध मस्जिदों के निर्माण और रोहिंग्याओं को बसाने में किया गया। असल में यह प्रत्यक्ष बाते है जिसे नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान गृह मंत्री विजय शर्मा जी ने भी पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर यही आरोप लगाए थे। इस आरोपों में अकबर जी के साथ सहआरोपी श्री निवास जी को ही ठहराया गया था।

राव जी के भ्रष्टाचार का प्रमाण बीते दिनों 27वी अखिल भारतीय वन खेलकूद के दौरान भी देखने को मिला। जानकारी के अनुसार कुल 7 करोड़ का बजट इस आयोजन के लिए प्राप्त था। परंतु लगभग 50 करोड़ राशि इसमें खर्च की गई। राजधानी के लगभग सभी बड़े होटल,रिसॉर्ट पूरी तरह बुक थे। वहां जमकर जाम छलकाए गए। देश के विभिन्न स्थानों से आए विभागीय लोगों को महंगे महंगे ऐसे उपहार दिए गए जो रिकॉर्ड में ही नहीं थे। ऐसे में प्रत्यक्ष रूप से दिख रहे भ्रष्टाचार को प्रमाण की और क्या आवश्यकता होगी।

बजट के अभाव में छत्तीसगढ़ की कई महत्वपूर्ण योजनाओं की फाइल वित्त विभाग में अटकी पड़ी है। परंतु वन विभाग जिसे कई तरह की आर्थिक स्वतंत्रता मिली हुई है वहां पीसीसीएफ श्रीनिवास जी नेतृत्व में पैसों को पानी की तरह लुटाया जा रहा है। इस मामले में वन मंत्री केदार कश्यप के सामने भी शिकायत रखी गई, स्वयं मुख्यमंत्री भी इनकी करगुजारियों से अवगत हैं। भाजपा ने तो कांग्रेस सरकार के दौरान श्रीनिवास जी के खिलाफ कई गंभीर आरोपों के चलते आंदोलन छेड़ रखा था। बावजूद सत्ता में आते ही, सत्ता के सुख में ऐसे रमे की पुराने पापियों को सजा देना ही भूल गए।
ऐसे में सरकार बनाने वाले संघर्षशील भाजपाई सवाल पूछ रहे है!अकबर भाई के खास,कब तक रहेंगे वन विभाग के बॉस? छत्तीसगढ़ के जंगल विभाग में…कब तक मंगल मनाते रहेंगे श्रीनिवास राव?
@CMO Chhattisgarh, @highlight

लेखक:देवेंद्र गुप्ता-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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