Positive India:Dayanand Pandey:
कभी प्रधान मंत्री रहे चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल का चुनाव चिन्ह है हैंडपंप। पर इस बार के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में उन के सभी उम्मीदवार साइकिल चुनाव चिन्ह पर लड़ गए हैं। प्रगतिशील सपा के अध्यक्ष और अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव पहले सौ टिकट की पकौड़ी छानते हुए समझौते में मांग रहे थे। हां कह दिया गया। फिर घटा कर पैतालीस का भरोसा दिया गया। और अब फाइनली उन्हें एक सीट दे कर हंसा दिया गया है। सारी , फंसा दिया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसों को भी एक सीट का झुनझुना। ठगी विद्या और छल-कपट में मुलायम का कान काटते हुए अखिलेश यादव ने एक ही दांव में हर किसी को ठग लिया है। लेकिन दिक़्क़त यह है कि जनता-जनार्दन अब उन्हें हिजाब की किताब में क़ैद करने जा रही है। योगी का चुनावी बुलडोजर अब अखिलेश यादव पर चल गया है। सो अलग। अखिलेश को लेकिन कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। उन का बहरापन ओवैसी बता रहे हैं। बता रहे हैं कि हिजाब का सवाल अखिलेश नहीं सुन रहे हैं। सच भी है कि एक जिन्ना का जहर उन का पीछा नहीं छोड़ रहा , दूसरा जहर भी कैसे बुला लें।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)