Positive india:नयी दिल्ली, 23 जुलाई .
(भाषा),देश की अदालतों में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित लंबित अपीली मामलों की संख्या करीब दो साल में 61 प्रतिशत घटकर 1.05 लाख रह गई। यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 30 जून, 2017 की स्थिति के अनुसार उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरणों में अपील के लंबित मामलों की कुल संख्या 2,73,591 थी जो 31 मार्च, 2019 को घटकर 1,05,756 रह गई। इस प्रकार इनमें 61 प्रतिशत की जोरदार गिरावट आई है।
प्रत्यक्ष करों के संबंध में, 31 मार्च, 2019 तक, आयुक्त (अपील) के समक्ष 3.41 लाख मामले लंबित थे, जबकि 92,205 मामले आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के समक्ष लंबित थे।
इसके अलावा, 31 दिसंबर, 2018 तक 43,224 और 6,188 प्रत्यक्ष कर से जुड़े मामले क्रमशः उच्च अदालत और उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित थे।
एक अलग उत्तर में, ठाकुर ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2016-17 में 8.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
वर्ष 2018-19 में अनंतिम अप्रत्यक्ष कर संग्रह (जिसमें केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी, मुआवजा उपकर, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर शामिल है) 9.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वर्ष 2017-18 में एकत्र किये गये 9.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
वर्ष 2016-17 में, अप्रत्यक्ष कर संग्रह 8.61 लाख करोड़ रुपये रहा था।
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