पॉजिटिव इंडिया: दिल्ली;
एथेंस, शीतकालीन ओलंपिक 2022 की ओलंपिक मशाल सौंपने के मंगलवार को होने वाले समारोह से घंटों पहले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय सरकारों, प्रायोजकों ओर खिलाड़ियों से अपील की है कि वे चीन के ‘नरसंहार खेलों’ का बहिष्कार करें।
सोमवार को दक्षिण यूनान में मशाल प्रज्ज्वलन समारोह में बाधा पहुंचाने वाले कार्यकर्ता समूहों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पर आरोप लगाया कि बीजिंग में शीतकालीन खेलों के आयोजन की स्वीकृति देकर उन्होंने चीन में मानवाधिकार उल्लंघनों को वैधता दी है।
अंतरराष्ट्रीय तिब्बत नेटवर्क की कार्यकारी निदेशक मेंडी मैकियोन ने कहा,‘हम एक बार फिर आईओसी के पाखंड के गवाह बने हैं।
उन्होंने कहा,वे ओलंपिक मशाल ऐसी मेजबान सरकार को सौंप रहे हैं जिसने अब तक किसी ओलंपिक आदर्श को लागू नहीं किया और ऐसा लगता है कि वे वास्तविकता से मुंह मोड़ रहे हैं। शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ व्यवहार, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कड़ी सख्ती के अलावा तिब्बत और ताइवान के प्रति नीतियों के लिए चीन को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा है। बीजिंग को 2008 ओलंपिक खेलों की मेजबानी भी सौंपने वाला आईओसी हालांकि इस मुद्दे से यह कहकर बचता रहा है कि यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने सोमवार को ओलंपिया के प्राचीन स्टेडियम में अपने भाषण के दौरान कहा था कि आधुनिक खेलों का सम्मान राजनीतिक रूप से तटस्थ आधार पर किया जाना चाहिए। साभार पीटीआई
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