Positive India:New Delhi:
“लंबे समय से भुलाए जा चुके एक स्थान पर 20 साल से नौ बच्चों का एक परिवार सद्भाव के साथ रह रहा था, हालांकि यह स्थान शहर के करीब था। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था, अचानक रोमानिया के अधिकारियों ने उस क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र का दर्जा देने के लिए वहां कदम रख दिए थे। मेरा वृत्तचित्र अकासा- माई होम(Acasa My Home) पोर्ट्रेज इस परिवार का ही सफर है, जो जंगल में अपने घर से निकलने के बाद शहरी जीवन को अपनाने के लिए मजबूर हो गया था। एक पत्रकार के नाते, मैं उन पर सिर्फ एक रिपोर्ट ही बना सकता था, लेकिन चार साल तक उनके नाटकीय सफर को देखने के बाद मैंने इस पर एक वृत्त चित्र का निर्माण किया।” रोमानिया के निर्देशक राडू सियोर्निसियस ने 51वें आईएफएफआई(IFFI) के दौरान, अकासा- माई होम(Acasa My Home) के उनके जीवन में आने के संबंध में अपने विचार रखते हुए ये बातें कहीं। राडू सियोर्निसियस पणजी, गोवा में 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान आज 21 जनवरी, 2021 को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। फिनलैंड, जर्मनी और रोमानिया में शूटिंग के बाद तैयार हुई इस फिल्म को महोत्सव में विशेष स्क्रीनिंग का अवसर मिला है।
सियोर्निसियस वृत्तचित्र के निर्माण के दौरान सामने आई कई घटनाओं के बारे में बताया : “रोमानिया की सरकार ने एक क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र का दर्जा दे दिया था, जिसे लैंडफिल के रूप में जाना जाता था। यह शहर राजधानी बुखारेस्ट के नजदीक था। यह कदम इसलिए उठाया गया था, क्योंकि वैज्ञानिकों ने पाया था कि इस हरित स्थल के बीचोंबीच अविश्वसनीय रूप से संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र था। इसके साथ ही यहां पर यूरोप के कुछ दुर्लभ पक्षी, जानवर और पौधे पाए गए थे।”
वहां पर यह परिवार कैसे पहुंचा? राडू के अनुसार, एक बार उन्होंने और पटकथा लेखिका लीना वडोवी ने सरकार के फैसले पर एक रिपोर्ट बनाने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने परिस्थितियों को समझने के लिए उस क्षेत्र का दौरा किया। वहां एक आश्चर्य उनका इंतजार कर रहा था। उन्होंने बताया, “वहां पर एक नौ बच्चों का परिवार रह रहा था, जो बीते 20 साल से दुनिया से अलग-थलग था। हम प्रकृति के साथ बच्चों के सामंजस्यपूर्ण संबंध को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और हमने आगे शोध करने तथा अपने प्रोजेक्ट को सिर्फ समाचार लिखने तक सीमित नहीं रखने का फैसला किया।”
अपने मुश्किल सफर का वर्णन करते हुए राडू ने कहा, “हमने अगले चार साल इस परिवार और उनके वन्य जीवन से राजधानी में एक बड़े शहर की जीवनशैली को अपनाने तक के नाटकीय सफर पर नजर रखने में बिताए।”
राडू ने कहा, “हम इससे एक अनोखी कहानी बना सकते थे लेकिन उनकी समस्याओं की ओर ध्यान खींचने के बजाय इससे परिवार को नुकसान हो सकता था।”
राडू ने कहा कि वह इस फिल्म को गीका एनाचे को समर्पित करना चाहेंगे, जिनका हाल में निधन हो गया और वह उस वास्तविक जीवन के मुख्य पात्र थे जिन पर इस वृत्त चित्र को बनाया गया है।
पटकथा लेखिका लीना वडोवी भी एक पत्रकार हैं, उन्होंने कहा, “हमें अहसास हुआ कि यह कहानी किसी टीवी रिपोर्ट या लंबे लेख से भी लंबी थी, जो हमने अभी तक लिखी थीं। इसलिए, हमने इस परिवार पर और काम करने और उनके सफर पर नजर रखने का फैसला किया। वृत्तचित्रों में लेखन की प्रक्रिया अलग हो सकती है, लेकिन मुझे इस फिल्म से जुड़े काम से प्यार है।”
उन्होंने कहा, “हमें एनाचे परिवार, उनकी सरलता, आशावाद और सादगी से प्यार हो गया है। उन्होंने हमारे अपने बचपन और हम कैसे प्रकृति के बीच पले बढ़े तथा आसपास मौजूद प्रकृति के साथ गहरे जुड़ाव की याद दिला दी है।”
राडू ने कहा, “इस फिल्म(Film) को बनाने के बाद, हमने शहर से बाहर जाने का फैसला किया। इस प्रकार फिल्म का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ा है।”
पत्रकारिता और फिल्म निर्माण के बीच संतुलन कायम करने से जुड़े सवाल पर राडू ने माना, “ये व्यवसाय काफी हद तक पूरक हैं। कुछ समय पहले मुझे महसूस हुआ कि सत्य के अलग अलग रूप हो सकते हैं। यह पत्रकारिता का सच है और एक ज्यादा नाटकीय सच है, जिसके बारे में लगता है कि हमने अपने वृत्तचित्र के माध्यम से काफी कुछ हासिल कर लिया है। फिल्म निर्माण ने जीवन, सत्य के बारे में बताने के लिए संभावनाओं की नई दुनिया खोल दी है, जो शानदार है। हमने इस वृत्तचित्र को जहां तक संभव हो सका वास्तविक रखने की कोशिश की है।” राडो के अनुसार, यह परियोजना पत्रकारिता के पेशे की जटिलताओं से बच गई थी, जिसके लिए हम वर्षों से तरस रहे थे।
जब ऐसे सफर पर एक वृत्तचित्र बनाया जाता है, तो वास्तविक दौर की चुनौतियां सामने आना कोई असामान्य बात नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे सामने यह चुनौती थी कि हमें परिवार तक पहुंचने और संपर्क व घनिष्ठता विकसित करने के लिए दल को सीमित रखना था।”
वृत्तचित्र ने ज्यूरिख फिल्म महोत्सव, सूडांस फिल्म महोत्सव और सिडनी फिल्म महोत्सव सहित दुनिया के कई जाने माने फिल्म महोत्सवों में अपनी आधिकारिक प्रविष्टि दर्ज कराई है।
निर्देशक राडू सियोर्निसियस ने 2012 में रोमानिया में पहले स्वतंत्र मीडिया संगठन की सह स्थापना की थी, जो गहराई के साथ, लंबे रूप में और मल्टीमीडिया रिपोर्टिंग में विशेषज्ञता प्राप्त संवाददाताओं की एक कम्युनिटी है। वह लंबे लेख लिखने वाले लेखक और खोजी संवाददाता के रूप में काम कर रहे हैं। उनके शोध दुनिया भर में मानवाधिकारों, पशु कल्याण और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर केन्द्रित होते हैं। उनके कार्य द गार्जियन, अल जजीरा, चैनल 4 न्यूज जैसे दुनिया के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित किए जाते रहे हैं। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
अकासा- माई होम के बारे में
पिछले दो दशक से, एनाचे परिवार एक बड़े हरित क्षेत्र बुखारेस्ट डेस्टा में रह रहा था, जिसमें वन्यजीव के दुर्लभ शहरी इकोसिस्टम बन गया है। ऋतुओं के आधार पर, वे समाज से अलग-थलग रहकर एक सामान्य जीवन जीते थे। लेकिन उनका सकून जल्द ही छिन गया: वे सामाजिक सेवाओं से ज्यादा समय तक बच नहीं सके और नगर निकायों का दबाव बढ़ गया, उन्हें शहर का रुख करना पड़ा और समाज के नियमों के अनुरूप खुद को ढालना पड़ा।