Positive India Raipur 7 April 2021
#*अब_युद्ध_कर_भयंकर_युद्ध_कर_भयंकर*
अब कर प्रहार तू,
न कर इंतज़ार तू ,
माँ की छाती लाल है ,
कुछ को केवल मलाल है ,
घोंप दे दुश्मन के सीने में ख़ंजर ये ऐलान कर …
*अब युद्ध कर भयंकर युद्ध कर भयंकर ..।।*
बहुत जला लिए दिए ,
तेल भी सुख गया …
बहुत बहा लिए आंसू,
देख वो भी सुख गया..
फूल चढ़कर मुरझा गए ,
रोज़ खबर यही पढ़कर झुंझला गए ..
घुस के दुश्मनों की माँद में प्रचंड हाहाक़ार कर…
*अब युद्ध कर भयंकर युद्ध कर भयंकर ।।*
बीवी की चूड़ी फुट चुकी है ,
माँ की उम्मीद टूट चुकी है ,
बाप का सहारा चला गया ,
बच्चों का पालनहारा चला गया ,
बहन की राखी कम हो गई ,
देख परिवार की आँखे नम हो गई..,
सबका बदला लेने मातृभूमि की जयकार कर…
*अब युद्ध कर भयंकर युद्ध कर भयंकर..।।*
हरी-भरी धरती लाल है ..
कुदरत का कैसा ये कमाल है…
कायर न कहना दुश्मनों को.,,
ये हमला नही हर बार का सवाल है ..
हम तुम्हें यूँही मारेंगे ,,
तुम्हारा क्या बस यही अंजाम है..?
दे जवाब में दुश्मनों का रौद्र नरसंहार कर…
*अब युद्ध कर भयंकर युद्ध कर भयंकर ।|*
राजनीतिक तवे पर रोटी सा न सिको ,
डिंगे हांकते रहेंगे पर तुम न रुको ,
मरणोपरांत कुछ समय का देंगे कंधा ,
कुछ राशि अनुदान की यही इनका धंधा ,
पर तुम डाल दो दुश्मनो के रंग में भंग,
थर्रा उठे वो ज़ालिम गिड़गिड़ाए उसका हर अंग-अंग ..
नेतानगरी की राह न देख खुद ही इख़्तियार कर ..
*अब युद्ध कर भयंकर युद्ध कर भयंकर।।।*
लेखक गजेंद्र साहू (विकी)