www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

आयकर विभाग ने श्रीनगर और कुपवाड़ा में कई ठिकानों पर छापे मारे

laxmi narayan hospital 2025 ad

Positive India: Delhi; 4 september 2020.

आयकर विभाग ने 2 सितंबर, 2020 को श्रीनगर एवं कुपवाड़ा के तीन प्रमुख कारोबारियों के मामले में कई ठिकानों पर छापे मारे हैं और इसके साथ ही जब्ती कार्रवाई भी की है। इन तलाशियों में प्रथम दृष्टया बड़ी मात्रा में अघोषित आय का पता चला है, बेहिसाब संपत्तियों की जब्ती की गई है, आपत्तिजनक साक्ष्‍य मिले हैं और बेनामी लेन-देन में इन तीनों समूहों की संलिप्‍तता का पता चला है।
तलाशियों के दौरान यह पता चला कि इनमें से एक समूह का प्रमुख व्यक्ति वैसे तो अप्रैल 2019 में सरकार द्वारा व्यापार पर रोक लगाए जाने तक क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्‍न था, लेकिन उसने अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। उसके पास दो सक्रिय पैन (स्‍थायी खाता संख्‍या) भी पाए गए। उसके स्वामित्व वाले प्रतिष्‍ठान ने पिछले कुछ वर्षों में 25 करोड़ रुपये से भी अधिक का निर्यात किया है। हालांकि, कुछ भी आयकर का भुगतान नहीं किया गया है। एलओसी व्यापार से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेजों को क्रॉस-एलओसी व्यापार के अभिरक्षक (कस्टोडियन) से जब्त किया गया है, जिनसे बड़े पैमाने पर कर चोरी का संकेत मिलता है। पाकिस्तान में उसकी बेटी की शिक्षा पर अस्पष्ट व्‍यय के भी साक्ष्‍य मिले हैं।
एक अन्य मामले में मुख्य व्यक्ति और उसका भाई सरकार द्वारा व्यापार पर रोक लगाए जाने तक क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्‍न थे। उसने पिछले दो वर्षों में कुल 3 करोड़ रुपये का निर्यात किया था, जबकि उसने केवल एक वर्ष के लिए ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया था और वह भी इसमें मामूली प्राप्तियों को दर्शाया गया है। यही नहीं, दाखिल किया गया आयकर रिटर्न उसके कई बैंक खातों में डाली गई धनराशियों से मेल नहीं खाता है जो करोड़ों रुपये में हैं। इसके अलावा, क्रॉस-एलओसी व्यापार पर लगाई गई रोक का उल्लंघन कर अवैध व्यापार करने से जुड़े कई साक्ष्‍य जब्त किए गए हैं। इस कर निर्धारिती के पासपोर्ट से यह पता चलता है कि उसने वर्ष 2017 से ही हर कैलेंडर वर्ष में 20-25 दिनों तक पाकिस्तान की यात्रा की थी और इस पर हुए खर्च का स्रोत प्रथम दृष्टया पूरी तरह से अस्पष्ट है।
एक अन्य मामले में यह पाया गया कि संबंधित ग्रुप (समूह) सब्जियों और फलों के क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्‍न था। इस मामले में 15 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। इस समूह में कई सहयोगी फर्म हैं। हालांकि, इन फर्मों के लेन-देन उनके आयकर रिटर्न में परिलक्षित नहीं होते हैं। इस समूह के एक व्यक्ति, जिसने आयकर रिटर्न नहीं भरा है, के मामले में लगभग 10 करोड़ रुपये के बेहिसाब कारोबारी लेन-देन से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एक फर्म के एक अन्य मामले में फर्म के एक साझेदार ने यह स्वीकार किया है कि उसके नाम का केवल इस्तेमाल किया जा रहा था। हालांकि वह फर्म की किसी भी गतिविधि में संलग्‍न नहीं था। बेनामी लेन-देन को ध्‍यान में रखते हुए इस मामले की जांच की जा रही है। एक लॉकर भी मिला है जिसकी तलाशी लेना अभी बाकी है और इसका इस्‍तेमाल करने या इसे खोलने पर रोक लगा दी गई है।इस दिशा में आगे की जांच निरंतर जारी है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.