Positive India:Dr Chandrakant Wagh:
ममता बैनर्जी के तानाशाही रवैए से पश्चिम बंगाल की स्थिति दिन पर दिन बिगड़ रही है । चुनाव संपन्न होने के बाद जिस तरह वोट बैंक के चिंता के चलते एक बहुत बड़े वर्ग चिकित्सक समुदाय को ही आहत कर दिया है, यह चिंतनीय है । यह लोकतंत्र के नाम से सीधे सीधे गुंडागर्दी को ही प्रोत्साहित करने जैसा है। चिकित्सकों के मामले में ममता बनर्जी कानून व्यवस्था को अपने ही हाथ से खराब कर रही है ।
नब्बे साल केे वृद्ध की अगर इलाज के दरमियान मौत हो जाती है तो कैसे कोई दोषी हो जायेगा ? वहीं हास्पिटल के अंदर चिकित्सको के साथ मारपीट जैसी घटनाओ को तृणमूल कांग्रेस पार्टी द्वारा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करना दुर्भाग्य पूर्ण है । टीएमसी मे शामिल असामाजिक तत्वों को पनाह देकर बचाने की कोशिश करना सत्ता का दुरुपयोग है । यही कारण है कि चिकित्सकों के संगठन ने काम बंदकर सरकार का विरोध किया है ।
अगर सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखना चाहती है तो उसे उन असामाजिक तत्वो पर कानूनी कार्यवाही से क्यो हिचक है ? इसकी लौ से पूरा देश भी तपीश मे आ जाये तो कोई बड़ी बात नही । यह जरूर है कि ऐसे माहौल मे किसी भी चिकित्सक के लिए काम करना आसान नही है । फिर गंभीर मरीज के लिए कोई क्यो जिम्मेदारी ले ? वैसे भी कोई भी चिकित्सक हो, वो अपनी पूरी ताकत उस मरीज को ठीक करने के लिए लगा देते है । ऐसे स्थिति मे इस तरह की घटनाऐं चिकित्सक का भी मनोबल तोड़ती है । चिकित्सक सावधानी के चलते अपने से बेहतर अस्पताल मे मरीज को भेजकर अपने कर्तव्य को निभाता है ।
चिकित्सकों के सभी संगठन ने अनिश्चित काल के लिए डॉक्टर्स स्ट्राइक के आव्हान से सत्ताधारी ममता बनर्जी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है । पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक रूप देकर मूल विषय से भटकाने की भरपूर कोशिश की है ,पर चिकित्सक भी आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं है, जो एकदम जायज है। निश्चित रूप से इन असामाजिक तत्वो या दूसरे शब्दो मे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई होनी बहुत जरूरी है, इससे समाज व राष्ट्र मे संदेश जाएगा कि कानून अपने हाथ मे लेने के क्या परिणाम होते है।
इस घटना से सभी संगठनों को राजनीतिक रूप से संबद्ध असामाजिक तत्वों से डरने की जरूरत नही; इनके खिलाफ मजबूती से लड़ने की आवश्यकता है।
डॉक्टर्स स्ट्राइक के जरिए एक संदेश गया है ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ