Positive India: Mumbai,
रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके खातों को लेकर प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी चार्टड अकाउंटेंट्स (पीडब्ल्यूसी) द्वारा की गयी टिप्पणियां ‘पूरी तरह आधारहीन और अनुचित’ हैं।उल्लेखनीय है कि बुधवार को रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस ने जानकारी दी थी कि पीडब्ल्यूसी ने उनके सांविधिक ऑडिटर (लेखा परीक्षक) के काम से अपने आप को अलग कर लिया है।इसके बारे में पीडब्ल्यूसी ने कहा था कि उसने यह निर्णय कंपनियों की इस समय चल रही वित्त वर्ष 2018-19 के खातों की आडिट के संबंध में कुछ टिप्पणियों पर कंपनी की ओर से असंतोषजनक जवाब मिलने के कारण किया है।
इस पर नियामकीय जानकारी में रिलायंस कैपिटल ने कहा, पीडब्ल्यूसी की टिप्पणियां पूर्णतया आधारहीन और अनुचित हैं। पीडब्ल्यूसी ने ऑडिट समिति से सांवधिक बातचीत किए बगैर ही यह बचकाना कदम उठाया है।
रिलायंस कैपिटल ने कहा कि ऑडिट समिति ने पीडब्ल्यूसी की टिप्पणियों पर 15 दिन के भीतर एक स्वतंत्र रपट देने का काम ऑडिटर पाठक एच. डी. एंड एसोसिएट्स को सौंपा है।
कंपनी ने कहा कि पीडब्ल्यूसी के ऑडिट अवधि के दौरान किसी भी ऋण के हस्तांतरण का सवाल ही नहीं उठता और ना ही किसी बैंक भी ने कंपनी को नकदी उपलब्ध करायी है। कंपनी को अपने पर विश्वास है। ऑडिटर की स्वतंत्र रपट बता देगी कि उसने कोई हेराफेरी नहीं की है।
रिलायंस कैपिटल और रिलायंस होम फाइनेंस ने बुधवार को साफ कर दिया था कि वह पीडब्ल्यूसी के इस्तीफा देने के कारणों से इत्तेफाक नहीं रखती हैं।पीडब्ल्यूसी ने दावा किया है कि दोनों कंपनियां कई बार याद दिलाए जाने के बाद कुछ सवालों पर ऑडिट समिति को तय सयम में संतुष्ट करने में विफल रहीं। इसलिए उसने इस्तीफा दिया है।शेयर बाजारों को दी गयी सूचना के अनुसार पीडब्ल्यूसी ने यह भी कहा है कि इन कंपनियों ने उससे कहा कि वे उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी कर सकती हैं। पीडब्ल्यूसी के अनुसार कंपनियों का यह रवैया उसे एक ऑडिटर के रूप में उसका काम करने से रोकता है।
साभार: PTi bhasha
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