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योगी द्वारा राम की काष्ठ मूर्ति के अनावरण के मायने

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने काष्ठ से बने राम की मूर्ति का अनावरण किया।

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Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
आज उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने काष्ठ से बनी राम की मूर्ति का अनावरण किया । पता नही पर इसकी आवश्यकता थी की नही । पर कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर अभी तक असमंजस की स्थिति मे है । वही इनके नेता भी काफी भ्रम की स्थिति मे है । इस भ्रम से बाहर कैसे निकला जाये, यह इनके लिए पहेली हो गई है । इस मुद्दे पर इनको देश का जनादेश भी मिला है । पर सब नेता अपने अपने हिसाब से चल रहे है । वहीं सरकार सर्वोच्च न्यायालय का हवाला दे रही है । ऐसे स्थिति मे कम से कम इस संवेदनशील मुद्दे पर राग अलापना बंद करना होगा । पर दुर्भाग्य से ऐसा हो नही रहा है । उच्चतम न्यायालय भी इसकी संवेदनशीलता से परिचित है फिर भी ये विषय उसके लिए इतना महत्वपूर्ण नही है । जब सुलह सफाई के सभी संभावनायें बंद हो गई थी तभी तो यह विषय अदालत के द्वार तक गया था । पुनश्चः मामले को सुलझाने के लिए सुलह का मार्ग आम लोगो के गले नही उतर रहा है । अभी तो दोनो समुदाय की मानसिक स्थिति ऐसी है कि न्यायालय के फैसले उनके सर आंखो पर है । पहले बार तीन महीने का समय फिर दूसरे बार पुनः तीन महीने का समय देकर अदालत भी इस मुद्दे को लेकर जल्दी मे नही है । इस संवेदनशील मुद्दे को करीब करीब एक दूसरे के पाले मे डालने की कोशिश कर रहे है । वहीं राजनीतिक दृष्टि से इसका श्रेय लेने मे भी संकोच नही है । अब पंद्रह जून को शिव सेना प्रमुख उद्घव ठाकरे अयोध्या जाने वाले है । जब मुद्दे को अदालत से ही सुलझना है तो फिर इस तरह के बेवजह के कार्यक्रम करने की क्या आवश्यकता ? मंदिर मुद्दे पर हर साल संतो की बैठक का भी क्या मतलब ? अगर कोर्ट मे मामला है और निर्णय भी उसी को लेना है तो ऐसे मुद्दे को घोषणा पत्र मे लेने की क्या आवश्यकता ? जब पूरा देश ही इस फैसले पर टकटकी लगाये हुए है तो फिर किसी न किसी कानूनी दांवपेच मे उलझाना न्याय संगत नही है । ऐसे मे राजनेताओं की यह हरकत आस्था के साथ खिलवाड़ से कुछ ज्यादा नही है । अब समय आ गया है इस मुद्दे पर कार्यपालिका व न्याय पालिका इसे संजीदगी से ले अन्यथा उन पर से भरोसा उठ जाये तो भी कोई बड़ी बात नही । कितने दुर्भाग्य पूर्ण बात है कि बहुसंख्यक के धैर्य की अग्नि परीक्षा ली जा रही है । किसी देश मे, किसी धर्म को कभी ऐसे हालातो से निकलना पड़ा है ? वहा तो अभी फैसला हो जाता । हमारे यहा इतने जयचंद है कि उनकी दिली इच्छा है कि कैसे भी ये मामला न सुलझे । जिसके कारण वो अदालत मे भी अपने हरकतो के बाज नही आते। योगी द्वारा काष्ठ की राम की मूर्ति का अनावरण आने वाले समय में क्या रंग लाएगा, यह तो समय ही बताएगा; पर अंततोगत्वा सत्य की जीत होगी ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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