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अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम बच्ची का रेप तथा मर्डर

महज ₹10000 के लिए इस मासूम बच्ची को अगवा कर उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या की गई।

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Minor Raped: Image Credit:dnaindia.com
Positive India:Aligarh: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के टप्पल कस्बे की ढाई साल की बच्ची को अगवा कर निर्दयता पूर्वक वहशी दरिन्दों ने उसकी हत्या कर दी। इस मासूम बच्ची के शरीर पर ढेरो जख्म पाए गए है। इस सनसनीखेज कृत ने पूरे देश में झकझोर कर रख दिया है।
उधार लिए हुए महज ₹10000 के लिए इस मासूम बच्ची को अगवा कर उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या की गई। सिहरा देने वाली यह बर्बरता इतनी बर्बर थी कि देखने सुनने वालों की रूह तक कांप गई। बच्ची का एक पैर उखाड़ दिया गया था,उसका एक हाथ शरीर से अलग कर दिया गया था; इतना ही नहीं बच्ची के साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दी थी। इस पर भी पुलिस का कहना था कि बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ है। यह हमारे कानून की कितनी बड़ी विडंबना है। वहशियो ने मासूम बच्ची को तेजाब डालकर जलाने की कोशिश की थी।
Crime against minor: Image Credit: Newindianexpress.com
हत्यारे जाहिद ने 30 मई को मासूम बच्ची को अगवा किया। अपने साथी असलम की मदद से बच्ची की निर्दयता पूर्वक हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया। 2 जून को बच्ची का शव क्षत-विक्षत हालत में कूड़े के ढेर से मिला। यूपी पुलिस की भावनाएं कितनी निर्जीव हो चुकी हैं कि शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने शिकायत तक दर्ज नहीं की। बच्ची की हत्या के बाद जब मामले ने तूल पकड़ लिया तब पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर पुलिस वालों ने इतिश्री कर लिया। इन पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज कर इनके खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए।
हत्यारों का ट्रैक रिकॉर्ड देखकर अचंभा होता है। हत्यारे असलम के खिलाफ अपनी ही बेटी से दुष्कर्म का केस दर्ज है। उसके खिलाफ गुंडा एक्ट, अपहरण तथा दुष्कर्म के 5 मामले दर्ज हैं उसके बाद भी अगर अपराधी खुला घूम रहा है, और बच्चों का अपहरण करके उनकी हत्या और रेप कर रहा है तो इस देश के लचर कानून का क्या कहा जाए?
योगी सरकार ने आरोपियों पर रासुका लगाते हुए हत्यारे अफजल और जाहिल को गिरफ्तार कर लिया है। तीसरे हत्यारे मेहंदी हसन की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। पूरे देश को झकझोर देने वाले इस लोमहर्षक हत्या ने बहुत सारे प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या पुलिस तभी जागती है और कार्रवाई शुरु करती है जब कोई कृत्य हो चुका होता है? क्या यह उनकी जवाबदारी में नहीं है कि जब शिकायत हो तो त्वरित कार्यवाही करते हुए किसी वारदात को रोका जा सके? क्या यह उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा नहीं होना चाहिए? लूट अपहरण तथा दुष्कर्म जैसी धाराओं में गिरफ्तार व्यक्ति बाहर खुले सांड जैसे कैसे घूम सकता है? ऐसे संगीन अपराधी अपराध करेंगे और फिर खुलेआम घूमेंगे तो फिर देश का भला होने से रहा।

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